Sunday, September 28, 2025

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Breaking : मोदी सरकार ने वापस लिया सीधी भर्ती का फैसला, केंद्रीय मंत्री ने यूपीएससी अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी

डिजीटल डेस्क : Breakingमोदी सरकार ने वापस लिया सीधी भर्ती का फैसला, केंद्रीय मंत्री ने यूपीएससी अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी। एक अहम घटनाक्रम के तहत पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद नौकरशाही में संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) से सीधी भर्ती का विज्ञापन रद्द करने को कहा गया है।

इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों ने सीधी भर्ती में लेटरल एंट्री और उसमें आरक्षण नहीं दिए जाने पर विरोध किया था। बाद में सरकार में शामिल सहयोगी दल भी इसके विरोध में आ गए थे।

अब केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है। मंत्री ने यूपीएससी की तरफ से सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री) से जुड़े विज्ञापन को रद्द करने के लिए कहा है।

जितेंद्र सिंह बोले – पीएम मोदी सार्वजनिक सेवा में आरक्षण के हिमायती, सामाजिक न्याय को प्रतिबद्ध

जितेंद्र सिंह ने चिट्ठी में कहा है कि सैद्धांतिक तौर पर सीधी भर्ती की अवधारणा का समर्थन 2005 में गठित प्रशासनिक सुधार आयोग की तरफ से किया गया था, जिसकी अध्यक्षता वीरप्पा मोइली की तरफ से की गई थी। हालांकि, लेटरल एंट्री को लेकर कई हाई-प्रोफाइल मामले सामने आए हैं।

कार्मिक मंत्रालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोकसेवा आयोग की प्रमुख प्रीति सुदान को भेजे अपने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक सेवा में आरक्षण के हिमायती हैं।

हमारी सरकार सोशल जस्टिस को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उन वैकेंसी का रिव्यू कर रद्द करें जो 17 अगस्त को यूपीएससी की ओर से जारी किया गया था।

विज्ञापित सीधी भर्ती में नहीं थी आरक्षण की व्यवस्था

यूपीएससी चेयरमैन को लिखे अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीए सरकार के दौरान इस तरह की नियु्क्ति पर की गई पहल का भी जिक्र किया है. जितेंद्र सिंह के मुताबिक साल 2005 में वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में पहली बार केंद्र ने इसकी सिफारिश की थी।

2013 में भी यूपीए की सरकार लेटरल एंट्री के सहारे पदों को भरने की बात कही थी. जितेंद्र सिंह ने यूआईडीएआई और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में नियुक्त सुपर ब्यूरोक्रेसी का भी जिक्र अपने पत्र में किया है।

बता दें कि संघ लोकसेवा आयोग ने पिछले हफ्ते 17 अगस्त को 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री के जरिए वैकेंसी निकाली थी। ये भर्तियां विभिन्न मंत्रालयों में सचिव और उपसचिव पदों को लेकर निकाली गई थी। इसमें आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई थी।

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