रांची: करवा चौथ, भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत करती हैं। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी होता है।
व्रत का उद्देश्य शरीर और मन को शुद्ध करना है, जिससे व्यक्ति अपने ईश्वर के प्रति समर्पण भाव व्यक्त कर सके। करवा चौथ के दौरान, महिलाएं कुछ समय के लिए भोजन और जल का त्याग करती हैं, जो उनके शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र को भी आराम मिलता है और वजन कम करने में सहायता होती है।
व्रत के दौरान आत्म संयम और अनुशासन का विकास होता है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी, व्रत के दौरान शरीर में कोटस का उत्पादन होता है, जो वसा का उपयोग करके ऊर्जा बनाता है। इससे शरीर स्वस्थ और सक्रिय रहता है।
करवा चौथ के विशेष महत्व में चंद्रमा की पूजा भी शामिल है। महिलाएं भगवान चंद्रदेव को अर्घ्य देती हैं, जिससे मन को शीतलता मिलती है और पारिवारिक जीवन सुखमय होता है। इस व्रत का पालन करने से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है।
इस प्रकार, करवा चौथ का व्रत न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी कई लाभकारी पहलुओं को समेटे हुए है।