ग्रीन कैम्पस के रूप में विकसित होगा यूपी का पहला आयुष विश्वविद्यालय, CM Yogi की विशेष पहल

गोरखपुर के निर्माणाधीन आयुष विश्वविद्यालय परिकल्पित एरियल व्यू।

गोरखपुर : ग्रीन कैम्पस के रूप में विकसित होगा यूपी का पहला आयुष विश्वविद्यालय, CM Yogi की विशेष पहल। गोरखपुर में निर्माणाधीन महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय ग्रीन कैंपस के रूप में विकसित होगा।

इस पर CM Yogi आदित्यनाथ ने अधिकारियों और सभी जिम्मेदार कार्यदायी संस्थाओं के प्रभारियों को विशेष हिदायत दी है। उन्होंने परिसर के निरीक्षण के दौरान खाली हिस्सों में पौधरोपण कर ग्रीन कैम्पस के रूप में विकसित करने और लैण्ड स्केपिंग करने के निर्देश दिए।

वॉटर लॉगिंग से मुक्त होगा महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय

CM Yogi आदित्यनाथ ने इसी क्रम में गोरखपुर में बन रहे महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय को वॉटर लॉगिंग की समस्या से मुक्त रखने की विशेष हिदायत दी ताकि भविष्य में यहां विद्यार्थियों और स्टॉफ के साथ मरीजों व तीमारदारों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।

कुलपति ने CM Yogi को अवगत कराया कि प्रशासनिक भवन में हॉस्पिटल भी अवस्थित है। इसमें लिफ्ट लगने और कुछ फाइनल फिनिशिंग का काम शेष है।

CM Yogi ने प्रशासनिक भवन के हॉल और कमरों का अवलोकन किया। आखिर में CM Yogi ने जोर देकर कहा कि अभी से ऐसी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित करें, जिससे भविष्य में कभी भी परिसर में वॉटर लॉगिंग न हो।

गोरखपुर के निर्माणाधीन आयुष विश्वविद्यालय परिकल्पित चित्र।
गोरखपुर के निर्माणाधीन आयुष विश्वविद्यालय परिकल्पित चित्र।

गोरखपुर के भटहट-बांसस्थान फोरलेन का निर्माण 31 मार्च तक हर हाल में पूरा करने का निर्देश

निरीक्षण के उपरान्त CM Yogi ने आयुष विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों की प्रगति और संचालन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की।

बैठक में भी CM Yogi ने लोक निर्माण विभाग और कार्यदायी एजेंसी को निर्देशित किया कि आयुष विश्वविद्यालय के संचालन को लेकर किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही ना रहे।

समीक्षा बैठक के दौरान CM Yogi ने भटहट-बांसस्थान फोरलेन निर्माण कार्य की भी जानकारी ली और निर्देश दिया कि फोरलेन का निर्माण 31 मार्च, 2025 तक हर हाल में पूरा किया जाये।

अधिकारियों ने अवगत कराया कि निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक में विधायक महेन्द्र पाल सिंह सहित जनप्रतिनिधिगण, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह आदि उपस्थित थे।

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