झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: नामांकन रद्द होने का सिलसिला जारी, कई प्रत्याशी अयोग्य घोषित

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: नामांकन रद्द होने का सिलसिला जारी, कई प्रत्याशी अयोग्य घोषित

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर है, लेकिन इससे पहले ही कई प्रत्याशियों का नामांकन रद्द हो चुका है। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के दौरान त्रुटि पाए जाने पर चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य करार दिया। इनमें से प्रमुख रूप से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के उम्मीदवार शामिल हैं, जिनमें से कई के नामांकन तकनीकी खामियों और जरूरी दस्तावेजों की कमी के कारण रद्द कर दिए गए।

जेएलकेएम पार्टी के कोडरमा सीट से प्रत्याशी मनोज यादव का नामांकन रद्द किया गया। मनोज यादव का कहना है कि उनका नामांकन तकनीकी दिक्कतों के कारण रद्द हुआ है, और उन्होंने इसे साजिश का हिस्सा बताया है। उनका तर्क है कि वे कोडरमा सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे, और उनकी पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जय राम महतो से मतभेद के बावजूद उन्हें टिकट दिया गया। मनोज यादव के अनुसार, जेएलकेएम  का नाम एक राजनीतिक पार्टी के रूप में रजिस्टर्ड नहीं होने के कारण उनके नामांकन में तकनीकी चूक हो गई।

जमशेदपुर पश्चिमी सीट पर भी जेएलकेएम के तपन महतो और बहरागोड़ा से दिनेश महतो के नामांकन रद्द किए गए। जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र में पत्रकार और निर्दलीय उम्मीदवार प्रीतम भाटिया समेत कुल छह प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हुए हैं, जिसमें जेएलकेएम के भागीरथ हांसदा और निर्दलीय बबलू टोपो शामिल हैं। घाटशिला से एक अन्य प्रत्याशी भरतारण महली का भी नामांकन रद्द कर दिया गया है। जमशेदपुर पश्चिमी से चार अन्य उम्मीदवारों के नामांकन भी तकनीकी त्रुटियों के कारण खारिज किए गए, जिनमें समाजवादी पार्टी के डॉक्टर ओपी आनंद और निर्दलीय उम्मीदवार बच्चे लाल भगत भी शामिल हैं।

नामांकन पत्र में सभी प्रत्याशियों को अपनी आय-व्यय की जानकारी, शैक्षणिक योग्यता, चल-अचल संपत्ति, परिवार के सदस्यों की संपत्ति और आय के दस्तावेज जमा करना होता है। साथ ही प्रत्याशी और उनके परिवार के किसी भी आपराधिक मामले, हथियार रखने की जानकारी देना अनिवार्य है। इन दस्तावेजों की बारीकी से जांच होती है, और अगर किसी जानकारी में कमी या त्रुटि पाई जाती है तो चुनाव आयोग संबंधित प्रत्याशी का नामांकन निरस्त कर देता है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि नामांकन पत्रों में किसी भी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। ऐसे में एक छोटी सी गलती भी किसी प्रत्याशी की उम्मीदवारी समाप्त कर सकती है।

 

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