रांची: ओबीसी आयोग ने सभी जिलों के जिला कलेक्टरों (डीसी) को नगर निकायों में पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने की पात्रता की समीक्षा के लिए डोर टू डोर सर्वे करने का निर्देश दिया है। यह कदम आगामी नगर निकाय चुनावों के लिए पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के उद्देश्य से उठाया गया है। आयोग ने इस सर्वे को एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया बताया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आरक्षण की पात्रता सही तरीके से निर्धारित हो और किसी भी वर्ग के अधिकारों का उल्लंघन न हो।
सर्वे का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नगर निकाय में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की जरूरत और उनकी संख्या का आंकलन करना है। इस सर्वे के तहत हर जिले में प्रगणकों की नियुक्ति की जाएगी, जो घर-घर जाकर आवश्यक जानकारी इकट्ठा करेंगे। इसके लिए आयोग ने पांच प्रकार के फॉर्मेट तैयार किए हैं, जो जानकारी एकत्र करने के लिए उपयोग किए जाएंगे। इन फॉर्मेटों में पिछड़े वर्गों के सदस्यों की संख्या, उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति, और अन्य संबंधित विवरण मांगे गए हैं।
आयोग के सदस्य सचिव, के.के. सिंह ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट 31 दिसंबर तक जिला कलेक्टरों को जमा करनी होगी। सर्वे के बाद प्राप्त रिपोर्ट का विश्लेषण किया जाएगा और उसके आधार पर यदि अध्यक्षों का चयन हो जाता है तो एक बैठक आयोजित कर रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के अंतर्गत जो जानकारी मिलेगी, वह नगर निकायों में आरक्षण लागू करने के लिए एक मजबूत आधार बनेगी।
इसके अलावा, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस सर्वे का आधार मतदाता सूची होगी, जो कि पिछड़े वर्गों की पहचान और उनकी संख्या का निर्धारण करने के लिए महत्वपूर्ण है। आयोग ने सभी जिलों के अधिकारियों को इस प्रक्रिया को समय पर और सही तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों को इस सर्वे के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रशिक्षण में उन्हें यह बताया गया है कि किस प्रकार से डोर टू डोर सर्वे करना है, किन सवालों का उत्तर प्राप्त करना है, और जानकारी को सही तरीके से रिकॉर्ड करना है। इसके लिए मास्टर ट्रेनरों की भी नियुक्ति की गई है, जो जिलों में प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहे हैं।
सर्वे के दौरान एकत्रित की गई जानकारी को विश्लेषित करने के बाद, आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि आरक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और न्यायपूर्ण हो। इसके बाद, राज्य सरकार को आवश्यक रिपोर्ट भेजी जाएगी, जो आगे की कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन करेगी।