रांची: झारखंड में एनआईए द्वारा दर्ज पहले मामले में अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र के सिलोधर जंगल में माओवादियों को आपूर्ति करने से जुड़े मामले में एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत ने दो अभियुक्तों, अनिल कुमार यादव और प्रफुल्ल मालाकार को दोषी करार दिया।
दोनों को 15-15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही, जुर्माने की राशि भी लगाई गई – अनिल यादव पर 42 हजार रुपए और प्रफुल्ल पर 40,500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। यदि जुर्माना नहीं जमा किया जाता, तो अनिल को 6 साल 3 महीने और प्रफुल्ल को 5 साल 10 महीने अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।
यह मामला 29 अगस्त 2012 को हजारीबाग के चौपारण थाना में विदेशी हथियारों की बरामदगी के बाद दर्ज किया गया था। सितंबर 2012 में एनआईए ने इसे टेक ओवर किया।
सिलोधर जंगल से बरामद किए गए हथियारों में मेड इन यूएसए की एम 16 राइफल, 14 कारतूस, एक नाइन एमएम देसी पिस्तौल, नाइन एमएम के दो एफ कारतूस, 5.56 एमएम की राइफल और अन्य हथियार शामिल थे। इन हथियारों की दिल्ली स्थित सीएफएसएल में जांच कराई गई, जिसमें विदेशी हथियार होने की पुष्टि हुई।
अदालत ने दोनों आरोपियों को भादवि, आर्म्स एक्ट, यूएपीए और सीएलए की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया।