डिजिटल डेस्क : भूकंप से हिला दक्षिण-पश्चिमी जापान, सुनामी की चेतावनी जारी। सोमवार रात भूकंप आने से जापान के दक्षिण – पश्चिम हिस्से में धरती हिल गई। लोगों में इस भूकंप से दहशत का माहौल है। तत्काल को जानहानि की सूचना नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि गंभीर तीव्रता वाले भूकंप ने जापान के इस हिस्से को हिलाकर रख दिया।
इस भूकंप की तीव्रता को देखते हुए जापान के मौसम विभाग ने जल्द ही इलाके में और आसपास सुनामी आने की चेतावनी भी जारी कर दी है।
6.9 की तीव्रता से जापान में रात को आया भूकंप
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह भूकंप जापान के क्यूशू द्वीप पर आया। दक्षिण-पश्चिमी जापान में 6.9 की तीव्रता से भूकंप के ये झटके महसूस किए गए। जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी ने सुनामी की भी चेतावनी जारी की। जापानी समयानुसार, रात के 9.19 बजे भूकंप आया।
इसके तुरंत बाद मियाजाकी प्रान्त और निकटवर्ती कोच्चि प्रांत के लिए भी चेतावनी जारी की गई। भूकंप का केंद्र दक्षिण-पश्चिमी द्वीप क्यूशू था। इस द्वीप के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के लिए सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है।
यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (EMSC) के अनुसार, भूकंप की गहराई 37 किमी की गहराई पर थी। पिछले साल 8 अगस्त 2024 को भी जापान में 6.9 और 7.1 तीव्रता वाले दो शक्तिशाली भूकंप आए, जिनका प्रभाव क्यूशू और शिकोकू में सबसे ज्यादा देखने को मिला था।

जापानी मौसम विभाग भूकंप के असर 1 मीटर ऊंची लहरों वाले सुनामी की दी चेतावनी
भूकंप के बाद जापान ने सुनामी का अलर्ट जारी कर दिया गया है। समाचार लिखे जाने तक इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान या लोगों के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं है। जापानी मौसम विभाग के अनुसार, सुनामी की लहरे एक मीटर तक पहुंच सकती है। बता दें इससे पहले इससे पहले बीते 7 जनवरी को भारत के पड़ोस में भूकंप ने तिब्बत में तबाही मचाई थी।
तिब्बत में आए 7.1 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में 126 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही करीब 188 लोग घायल हुए थे। यही नहीं, 30 हजार से ज्याादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। अकेले शिगात्से में 3 हजार 609 इमारतें ढह गई थीं। ये भूकंप तिब्बत के डिंगरी काउंटी में आया था।

अक्सर भूकंप की चपेट में रहते हैं जापान के कई हिस्से, कारण जानें…
बताया जा रहा है कि प्रशांत बेसिन में ज्वालामुखियों के आर्क, रिंग ऑफ फायर और फॉल्ट लाइन के किनारे स्थित होने के कारण जापान अक्सर भूकंप की चपेट में रहता है। दरअसल, जापान प्रशांत बेसिन में स्थित है जहां टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। इस क्षेत्र को रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाता है। ये क्षेत्र ज्वालामुखी और भूकंप का सबसे सक्रिय क्षेत्र है।
इन्हीं प्लेटों के टकराने से भूकंप आते हैं। बता दें कि जापान के इतिहास में भूकंप का खौफनाक रिकॉर्ड रहा है। साल 2004 में आए भूकंप के बाद सुनामी ने हजारों लोगों की सांसें छीन ली थी। हजारों लोग बेघर हुए थे। उस जख्म को जापान ही नहीं पूरी दुनिया आज तक भूल नहीं पाई है।

भूकंप को देखते हुए जापान में बिल्डिंग की डिजाइन का खास ध्यान रखा जाता है। ऐसी इमारतें बनाई जाती हैं जो भूकंप के झटकों को झेल सकें। यही कारण है कि भूकंप आने पर कई इमारतें झूलती हुई दिखाई देती है। अक्सर आने वाले भूकंप से बचने के लिए जापान ने टेक्नोलॉजी पर बहुत काम किया है।
जापान में घरों को भूकंप से बचाने के लिए कई तकनीकें अपनाई जाती हैं। घर की नींव लचीली रखी जाती है। ये ऐसी नींव होती है जो अलग-अलग दिशा से आने वाले फोर्स को संभालती है जिससे भूकंप का असर घर पर कम होता है।
Highlights