पटना: बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ शिक्षा में सुधार के लिए लगातार नए प्रयोग करते रहते हैं। बीते दिनों वे अचानक नवादा में स्कूलों का निरीक्षण करने पहुंच गए। स्कूल निरीक्षण के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि कुछ बच्चे स्कूल आने के बजाय ईंट भट्ठों पर मजदूरी कर रहे हैं जिसके बाद उन्होंने ईंट भट्ठों का भी दौरा किया और वहां मौजूद बच्चों से मुलाकात कर बातचीत की।
इस दौरान उन्होंने बच्चों को शिक्षा का महत्व बताया और स्कूल जाने के लिए प्रेरित भी किया। ईंट भट्ठों पर काम करने वाले कामगारों के बच्चे भी नियमित स्कूल आयें इसके लिए अब एसीएस ने नई पहल की है। उन्होंने सभी जिला के जिलाधिकारियों को एक पत्र लिख कर मामले से अवगत करवाते हुए कहा कि अकसर ऐसा देखा जाता है कि मजदूर वर्ग के लोग ईंट भट्ठों, सड़क निर्माण समेत अन्य परियोजनाओं में काम करने के लिए दूसरे जगहों पर जा कर रहते हैं। ऐसे में उनके बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना अनिवार्य है। इस नियम के तहत उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिले में ईंट भट्ठे और अन्य निर्माण स्थलों के आसपास ऐसे बच्चों की पहचान कर उनका नामांकन विद्यालयों में करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि ईंट भट्ठों में काम करने वाले कामगारों के बच्चों का नामांकन स्कूल में पूरे वर्ष में कभी भी करवाया जा सकता है।
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