लखनऊ : यूपी में Yogi सरकार ने रोजगार पैदा करने को जल-पर्यटन और धरोहरों के विकास पर लगाई मुहर। यूपी में Yogi सरकार ने रोजगार पैदा करने वाले संभावित क्षेत्रों पर विकास कार्यों को मंजूरी दी है। इसी क्रम में जल पर्यटन एवं धरोहरों के नए तरह से विकास के तैयार कार्ययोजना पर मुहर लगा दी है।
बीते बुधवार की देर शाम CM Yogi आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट में लिए आबकारी नीति समेत कुल 11 फैसलों के बारे में गुरूवार को संसदीय कार्य मंत्री एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सार्वजनिक किया।
मीडिया से मुखातिब होते हुए सुरेश खन्ना ने बताया कि – ‘Yogi सरकार के लिए इन फैसलों से न केवल प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा बल्कि यूपी को भी अच्छा राजस्व मिलेगा।’
यूपी अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को Yogi सरकार की मंजूरी
Yogi सरकार द्वारा लिए गए अहम फैसले के तहत अब यूपी में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण गठित होगा। इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि – ‘उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग अधिनियम 2023 को अधिसूचित करते हुए यूपी अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली -2025 का प्रख्यापन किया जाना है।
…प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की शक्तियां, कार्य-नियमावलियां, सलाहकार समितियों के संचालन की प्रक्रिया, प्राधिकरण की आरक्षित निधि, भूमि या संपत्ति का उपयोग संबंधी विषयों ब्योरा नियमवली में तय हो चुके हैं। इसके प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर CM की ओर से प्रदेश के परिवहन मंत्री नामित होंगे अथवा अंतर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग आदि का विशिष्ट अनुभव रखने वालों को नियुक्त किया जाएगा।
…इसी क्रम में उपाध्यक्ष पद पर राज्य सरकार द्वारा अंतर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग, मेरी-टाइम अफेयर्स आदि के प्रोफेशनल को नियुक्त किया जाएगा। साथ ही प्राधिकरण में वित्, लोकनिर्माण, परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई, जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या मुख्य सचिव पदेन सदस्य होंगे।
…प्राधिकरण में एक अन्य सदस्य भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) से नामित होंगे। गठित होने वाले इस यूपी अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण यूपी के परिहवन आयुक्त ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगे।’
Yogi सरकार का फोकस सस्ता जल-परिवहन की व्यवस्था मुहैया कराना…
वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आगे बताया कि – ‘यूपी अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन से Yogi सरकार का फोकस सस्ता परिवहन विकल्प मुहैया कराना है। सस्ता जल परिवहन के साथ जल पर्यटन को विकसित करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्राधिकरण की होगी।
राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम -2016 के अंतर्गत देश में कुल 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित हैं। ये सभी यूपी समेत देश के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं। अकेले यूपी में गंगा, यमुना समेत सभी प्रमुख नदियों में कुल मिलाकर 11 राष्ट्रीय जलमार्ग तय हैं।
…इसके अलावा यूपी के ऐतिहासिक 13 धरोहरों व किलों को एडॉप्टिव री-यूज फार्मूले के तहत पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित करने को भी Yogi सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके तहत सबसे पहले इन 13 धरोहरों का भूभाग नि:शुल्क यूपी के पर्यटन विभाग को हस्तांतरित होगा।
…इनमें इटावा का सुमेर सिंह किला, सिद्धार्थनगर स्थित कपिलवस्तु, मऊ का झील महल रेस्टोरेंट, भदोही के गोपीगंज राही पर्यटक आवास गृह, मिर्जापुर के विंध्याचल के राही पर्यटक आवास गृह एवं फिरोजाबाद के शिकोहाबाद राही पर्यटक आवास गृह शामिल हैं।
…इन्हें पीपीपी मॉडल के तहत हेरिटेज होटल, रिजोर्ट म्यूजियम, MICE (माइस) आदि के रूप में विकसित करने पर काम होगा। इस समय ये ये बंद या घाटे में चल रहे या फिर असंचालित राही पर्यटक आवास-गृह की श्रेणी में पड़े हैं।’
अपनी आबकारी नीति को लेकर Yogi कैबिनेट ने साफ कर दी है तस्वीर
बहुत दिनों से यूपी के शराब व्यापारी यह सोच रहे थे कि सरकार आखिर कौन सी नीति ला रही है, क्या करने वाली है? अब योगी सरकार ने इसको लेकर तस्वीर साफ कर दी है।
वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति में अहम बदलाव किया है। इस बदलाव हरियाणा के आबकारी मॉडल को आंशिक रूप से लिए लिया गया लेकिन इसे Yogi सरकार ने अपना नया लुक देने का प्रयास किया है। इसके तहत आबकारी विभाग इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करेगा।
तय हुआ है कि आबकारी विभाग में देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से होगा। नई नीति में देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस आवंटन ई-लॉटरी से करने के साथ ही इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करने का फैसला लिया है।
लेकिन इसी क्रम में यह साफ कर दिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प दिया जाएगा।। बता दें कि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित हुई थी। खास बात यह कि नई नीति में देशी मदिरा एसेप्टिक ब्रिक पैक में बिक्री के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसका इस्तेमाल करने से शराब में मिलावट होने की आशंका खत्म होती है।
Yogi सरकार ने पहले ही संकेत दिया था कि शराब कारोबारियों के लिए नई नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा। यूपी में शराब की दुकानों के मालिक लंबे समय से लाइसेंस नवीनीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि लॉटरी सिस्टम से शराब के दाम बढ़ेंगे या नहीं, ये अभी तय नहीं है।
यूपी सरकार ने शराब की बिक्री का राजस्व लक्ष्य करीब 58 हजार करोड़ रुपए रखा है। बहुत दिनों से यूपी के शराब व्यापारी ऊहापोह की स्थिति में थे कि सरकार आखिर कौन सी नीति ला रही है, क्या करने वाली है, लेकिन Yogi कैबिनेट के फैसले से सरकार ने इस मामले पर छाई धुंध साफ कर दी है।
Yogi सरकार ने यूपी के लिए बीते बुधवार देर शाम को स्वीकृत की गई नई आबकारी नीति में साफ कर दिया है कि आबकारी दुकानों के लाइसेंस आवंटन में भी एक खास कायदा रहेगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी। इस बदलाव हरियाणा के आबकारी मॉडल को आंशिक रूप से लिए लिया गया लेकिन इसे Yogi सरकार ने अपना नया लुक देने का प्रयास किया है।
Yogi सरकार की नई आबकारी नीति में निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल की गई है। लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी 11 हजार रुपये होगी।
लाइसेंस उन लोगों को ही मिलेगा, जो तीन वर्ष से लगातार आयकरदाता होंगे। उन्हें अपना आयकर रिटर्न भी दाखिल करना होगा। इसमें न्यूनतम दो वर्षों में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया हो।यदि कृषि आय से 20 प्रतिशत आयकर के स्लैब में आने के बावजूद किसी आवेदक पर कर की देयता नहीं बनती हो, तब ऐसा आवेदक भी लाइसेंस के लिए अर्ह होगा।
बताया जा रहा है कि Yogi कैबिनेट ने नई नीति में 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है। नई आबकारी नीति के तहत के तहत मॉल्स के मल्टीप्लेक्स एरिया में प्रीमियम ब्रांड की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होगी।
हालांकि सक्षम स्तर से अनापत्ति मिलने पर हवाई अड्डों, मेट्रो व रेलवे स्टेशनों पर मुख्य भवन में प्रीमियम रिटेल की दुकानें अनुमन्य हाेंगी। इनका मुख्य द्वार भवन के अंदर होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। वहीं, पहली बार विदेशी मदिरा की 60 एमएल और 90 एमएल की बोतलों की बिक्री की अनुमति भी दी गई है।