रांची: आज, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। यह उनका आठवां बजट था, और इस बार उन्होंने खासतौर पर गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं और घोषणाओं पर जोर दिया। बजट में कुल 10 प्रमुख विकास क्षेत्रों के लिए प्रस्ताव दिए गए हैं, जिनका उद्देश्य देश की समग्र सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।
Highlights
भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताकत
वित्तमंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। पिछले 10 वर्षों के दौरान किए गए संरचनात्मक सुधारों और विकास योजनाओं ने वैश्विक स्तर पर देश की क्षमता और संभावनाओं के प्रति विश्वास को मजबूत किया है। इन सुधारों ने भारत को वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।
कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन
किसानों के लिए इस बजट में कई अहम घोषणाएं की गई हैं। सबसे पहले, वित्तमंत्री ने धन-धान्य कृषि योजना की शुरुआत की घोषणा की, जिसका उद्देश्य कृषि जिलों में विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। यह योजना कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करेगी और इसके तहत 1.7 करोड़ किसानों को ग्रामीण समृद्धि की दिशा में मदद मिलेगी। योजना का मुख्य उद्देश्य उत्पादकता बढ़ाना और कृषि क्षेत्र को मजबूत करना है। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया गया है, जिससे किसानों को सस्ती दरों पर अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
मखाना उत्पादन को बढ़ावा
बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है। इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बेहतर बनाना है। इसके लिए किसानों को एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के रूप में संगठित किया जाएगा, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके और मखाना के उत्पादन में वृद्धि हो सके।
एमएसएमई क्षेत्र का विकास
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि एमएसएमई के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना तक बढ़ाया जाएगा। इससे युवा उद्यमियों को रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और व्यवसाय की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता
सरकार ने पूर्वी भारत में तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को फिर से चालू किया है, जिससे यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, असम के नामरूप में एक नया संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिसकी वार्षिक क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। इससे यूरिया की आपूर्ति बढ़ेगी और कृषि उत्पादकता में सुधार होगा।
समग्र विकास के उपाय
इस बजट में महिलाओं और युवाओं के लिए भी कई योजनाएं और सुविधाएं प्रस्तावित की गई हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए काम करेगी, और इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा, आर्थिक सुधारों के माध्यम से समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
समग्र रूप से, इस बजट में कृषि, एमएसएमई, और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक और संरचनात्मक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि देश की समृद्धि को तेजी से बढ़ाया जा सके और सभी नागरिकों को समान अवसर मिल सके।