झरिया (धनबाद) : जिले के बलियापुर प्रखंड क्षेत्र के वीरसिंहपुर पंचायत के बलियाबाद शीतलपुर बोलके गांव के लोगों को अभी तक पक्की सड़क नहीं मिला है. मांग के बावजूद भी ग्रामीणों को पक्की सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है.
बलियापुर और सिंदरी मुख्य मार्ग सटे गुलीटॉड मोड़ से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर यह वीरसिंहपुर पंचायत के बलियाबाद शीतलपुर गांव है. इस गांव में कई सालों से सड़क बनी ही नहीं है. सड़क के जगह पर बड़े-बड़े पत्थर बिछाकर छोड़ दिया गया है. ग्रामीण बार-बार गुहार लगाने के बावजूद भी सड़क नहीं बन पाई है, जिससे ग्रामीणों में जनप्रतिनिधि और सरकार के प्रति काफी नाराजगी देखी जा रही है.
जनप्रतिनिधि और सरकार द्वारा सड़क के नाम पर जाल बिछाकर विकास के दावे किए जा रहे हैं. झारखंड के कई गांव में आगमन के लिए सड़क बनाई जा रही है, किन्तु इस गांव के सड़क के लिए अभी तक कोई भी ध्यान नहीं दिया है. दुखी ग्रामीण जनता इन बदहाल सड़क पर जान जोखिम में डालकर आने-जाने के लिए मजबूर है.
खास बात तो यह है कि जनप्रतिनिधि इस सड़क पर सिर्फ चुनाव के वक्त ही आते हैं. उसके बाद इस गांव की ओर किसी का भी ध्यान तक भी नहीं जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि 2 से 3 किलोमीटर तक की सड़क आज तक नहीं बनी. बड़ी बात यह है कि इस गांव में 40 से 50 साल पहले से ही पक्की सड़क के जगह पर बड़े-बड़े पत्थर बिछाकर छोड़ दिया गया था, जो आज तक है. अगर कोई इस गांव बीमार हो जाता है या किसी को इमरजेंसी हॉस्पिटल ले जाना हो तो खटिया या तो मोटर साइकिल से मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है.
इस गांव में कोई भी एंबुलेंस आना नहीं चाहता है. अगर कई चार पहिया गाड़ी इमरजेंसी में घुसती है तो 2 गुना भाड़ा जोड़कर लेती है. बरसात के दिनों में बस्ती में पानी भर जाता है, जिससे लोगों को चलना मुश्किल हो जाता है. देखने वाली बात यह है कि जनप्रतिनिधि, सरकार और जिलाधिकारी की नींद कब खुलती है.
रिपोर्ट: अनिल मुंडा
बलिया निवासी युवक का बोधगया के होटल में संदिग्ध अवस्था में मिला शव