Giridih: तिसरी प्रखंड के लक्ष्मी बथान आदिवासी हरिजन टोला में इलाज के अभाव में प्रसव के बाद महिला की मौत का मामला सामने आया है। मृतका 26 वर्षीय पानो हेंब्रम बतायी जा रही है। बताया जाता है कि घर पर ही प्रसव हुआ, बच्चा स्वस्थ है।
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Giridih: इलाज के अभाव में महिला की मौत
वहीं इस घटना ने तीन साल पहले गर्भवती सुरजी मरांडी की मौत की याद ताजा कर दी। 4 साल में एक ही गांव में इस तरह की दूसरी मौत है। गांव में पहले बहू की मौत हुई थी, अब बेटी की जान चली गई है। घटना से गांव में मातम पसरा है। ससुराल पक्ष शव को अंतिम संस्कार के लिए नयनपुर ले गए हैं। वहीं इस तरह की मौत से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर सवाल उठ रहे हैं।
Giridih: मायके में रह रही थी महिला
मृतका के पिता तालों हेंब्रम ने बताया कि पानो गर्भवती होने के बाद मायके में ही रह रही थी। पति गुजरात में मजदूरी करता है। प्रसव तक उसका नियमित टीकाकरण नहीं हुआ। चार दिन पहले उसे डायरिया हुआ था। बाइक से गांवा स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर इलाज कराया गया।
सोमवार सुबह प्रसव पीड़ा बढ़ी। वाहन की सुविधा नहीं मिली। लोकल डॉक्टर को बुलाया, लेकिन वह नहीं आया। गांव की महिलाओं ने प्रसव कराया। इसके बाद पानो के हाथ-पैर खिंचने लगे और उसकी मौत हो गई। गांव में सड़क नहीं है। बीमार पड़ने पर मरीजों को खाट या बाइक से आठ किमी दूर गावां अस्पताल ले जाना पड़ता है। बिजली और पानी की भी समस्या है।
सागर गुप्ता की रिपोर्ट