लखनऊ : UP Budget 2025 में CM Yogi ने 8 लाख करोड़ का खोला खजाना, दिए 4 नए एक्सप्रेसवे, AI सिटी, छात्राओं को स्कूटी और बहुत कुछ…। गुरूवार को विधानसभा में पेश हुए UP Budget 2025 में CM Yogi आदित्यनाथ की सरकार ने जनता के लिए काफी सोच-समझकर अपना खजाना खोलने की घोषणा कर दी है।
Highlights
प्रदेश की CM Yogi सरकार ने 8 लाख करोड़ का बजट पेश किया है। विकास के इस बजट में बताया गया है कि “आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी” की स्थापना की जाएगी।
साईबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क की स्थापना की जाएगी. वाराणसी, अलीगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट का विस्तार होगा। प्रदेश को 4 नए एक्सप्रेसवे मिलेंगे।
छात्राओं को स्कूटी मिलेगी। कुल मिलाकर रोजगार, युवा, उद्यमिता विकास और गरीबी उन्मूलन पर CM Yogi के इस बजट का खास फोकस रहा है।
UP Budget 2025 – शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता हमारी प्राथमिकता
विधानसभा में UP Budget 2025 के गुरूवार को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की ओर से पेश किए जाने के बाद तिलक हॉल में मीडिया से मुखातिब CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘…शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश में लगभग 06 करोड़ लोगों को बहुआयामी गरीबी से ऊपर उठाया गया है।
…हम अब जीरो पॉवर्टी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ कार्य कर रहे हैं। इस अभियान के अन्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत से निर्धनतम परिवारों को चिन्हित करते हुए उनकी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।
…सरकार का यह भी प्रयास है कि इन परिवारों को ऐसी आर्थिक गतिविधियों के साथ जोड़ा जाए। प्रत्येक जनपद की विशेषताओं और सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अखंड भारत के शिल्पी लौहपुरुष सरदार पटेल जनपदीय आर्थिक क्षेत्र स्थापित किया जाएगा।
…अलग-अलग जिलों में अलग-अलग सेक्टर से जुड़े क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार की उपलब्ध भूमि पर 10 जिलों में संत कबीर वस्त्रोद्योग पार्क पार्क स्थापित किए जाएंगे और संत संत रविदास के नाम पर लेदर पार्क स्थापित किये जायेंगे।
…पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके सम्मान में नगरीय क्षेत्रों में पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। विभिन्न सरकारी विभागों तथा निगमों आदि में आउटसोर्सिंग के आधार पर कार्यरत कार्मिकों के देय न्यूनतम पारिश्रमिक को 16 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रुपये के दायरे में मिल सके।
…यह पारिश्रमिक सीधे एकाउंट में मिल सके, यह सुनिश्चित किया जाएगा। आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को सुनियोजित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से सेवा निगम गठित किया जाएगा।’
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UP Budget 2025 – गरीब, किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित
विधानसभा में पेश हुए बजट की जानकारी देते हुए CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि – ‘वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न को साकार करते हुए ‘वंचित को वरीयता इस बजट का केंद्रीय भाव है।
…वर्ष 2024-25 के बजट के सापेक्ष इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बजट का आकार 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक (8,08,736.06 करोड़ रुपये) का है। उत्तर प्रदेश के बजट के आकार में यह बढ़ोत्तरी राज्य के सामर्थ्य के अनुरूप है।
…यह बजट अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुल व्यय में 2 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है। वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जीडीपी 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
…प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफआरबीएम एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है। विगत 8 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है।
…प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं। लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 8 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।’

UP Budget 2025 – कुल बजट का 13 फीसदी शिक्षा और 11 फीसदी कृषि पर खर्च
CM Yogi आदित्यनाथ ने बताया कि – ‘…इस बार बजट में मूल रूप से कुल बजट का 13 फीसदी शिक्षा पर और 11 फीसदी कृषि को आवंटित हुआ है। बजट में व्यय की नई मदों हेतु 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान है।
…अवस्थापना विकास के लिये 1 लाख 79 हजार 131 करोड़ 4 लाख रुपये प्रस्तावित है जो कुल बजट का 22 प्रतिशत है। इसमें ऊर्जा क्षेत्र के लिये 61,070 करोड़ रुपये से अधिक, सिंचाई के लिये 21,340 करोड़ रुपये से अधिक, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिये लगभग 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिये 25,308 करोड़ रुपये से अधिक, आवास एवं शहरी नियोजन के लिये 7,403 करोड़ रुपये से अधिक तथा नागरिक उड्डयन के लिये 3,152 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
… शिक्षा क्षेत्र के लिये 1,06,360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित है जो कि कुल बजट का 13 है। शिक्षा पर इतना व्यय करने वाला उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है।
…इसी तरह कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये कुल लगभग 89,353 करोड़ रुपये प्रस्तावित है जो कुल बजट का 11 प्रतिशत है।’

‘होमगार्डों- शिक्षामित्रों को मिलेगी 5 लाख तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा’
CM Yogi ने बताया कि – ‘…इसी क्रम में अहम बात यह कि प्रदेश के सभी होमगार्डस, पीआरडी जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक एवं मानदेय के आधार पर कार्य करने हेतु वाले कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा।
…चिकित्सा क्षेत्र के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये 50,550 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान है जो कि कुल बजट का 6 प्रतिशत है।
…नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है।
…व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।’