Desk. CBSE ने डमी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को चेतावनी दी है। सीबीएसई ने कहा है कि ऐसे स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 12 के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए माता-पिता और छात्र दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं और ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
CBSE की स्टूडेंट्स को चेतावनी
दरअसल, डमी स्कूल से जुड़ा विवाद तब सामने आया था, जब हाल ही में एक ऐसे ही स्कूल का छात्र जेईई (मेन्स) में टॉपर बना था। हालांकि वह पिछले साल विभिन्न उल्लंघनों के आधार पर मान्यता से वंचित कर दिया गया था, जिसमें गैर-उपस्थित छात्रों का नामांकन भी शामिल था। एक औचक निरीक्षण के दौरान, स्कूल में सीबीएसई मानदंडों का पालन नहीं पाया गया, जिसके बाद उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए डमी स्कूलों की इस कवायद को “धोखाधड़ी” करार दिया था और सीबीएसई तथा दिल्ली सरकार को तत्काल कदम उठाने का आदेश दिया था। 27 जनवरी, 2025 को जारी आदेश में मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारियों को ऐसे केंद्रों की जांच करने और उन्हें उपस्थिति मानकों का पालन करने के लिए बाध्य करने का निर्देश दिया था।
डमी स्कूलों की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं
CBSE ने अपनी कार्रवाई जारी रखी है, जबकि दिल्ली सरकार ने कहा है कि ‘डमी स्कूलों’ की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है। लेकिन अदालत ने फर्जी दाखिले रोकने और छात्रों को पूर्ण शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सीबीएसई और राज्य सरकार से विस्तृत हलफनामा मांगा है।
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