नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल ने साल के अंतिम दिन हुई बैठक में टेक्सटाइल पर बढ़े टैक्स को वापस लेने का फैसला किया. इस फैसले से आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि जूते-चप्पल पर बढ़े टैक्स को वापस नहीं लिया गया और न ही जीएसटी स्लैब में कोई बदलाव हुआ. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस बढ़ोतरी को फिलहाल टालने का फैसला किया गया.
बता दें कि एक जनवरी 2022 से टेक्सटाइल और जूतों पर पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी जीएसटी की योजना थी. राज्य सरकारों से लेकर इन क्षेत्रों स जुड़े उद्योग और कारोबारी इसका विरोध कर रहे थे. काउंसिल की 17 सितंबर को हुई पिछली बैठक में जूतों एवं कपड़ों पर जीएसटी दर संशोधित करने का फैसला लिया गया था.
नए साल में महंगे होंगे जूते-चप्पल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक हुई. पहले यह बैठक जनवरी में होने वाली थी. जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में एक हजार से नीचे के रेडीमेड कपड़े और जूते पर टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया गया था. बैठक में रेडीमेड कपड़ों पर बढ़ाए गए टैक्स को वापस ले लिया गया. हालांकि एक हजार से नीचे के जूते-चप्पल पर एक जनवरी से पांच के बजाय 12 फीसदी टैक्स लगेगा.
अगली बैठक में घटाए जा सकते हैं स्लैब
इंडस्ट्री को जीएसटी प्रणाली सिंपल बनाने की दिशा में किसी बड़े फैसले की भी उम्मीद थी. ऐसा माना जा रहा था कि आज की बैठक में स्लैब घटाए जा सकते हैं. जीएसटी काउंसिल ने बैठक में 12 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाए जाने पर चर्चा तो की, लेकिन इस पर फैसला नहीं लिया जा सका. अब जूते-चप्पल पर टैक्स कम करने और दो स्लैब को आपस में मिलाने के बारे में काउंसिल की अगली बैठक में विचार किया जाएगा.