रांची: राज्य में एक बार फिर शराब की खुदरा दुकानों पर एमआरपी से अधिक मूल्य वसूली की शिकायतें सामने आ रही हैं। उपभोक्ता न केवल विदेशी शराब बल्कि बीयर पर भी तय मूल्य से ज्यादा पैसे चुकाने को मजबूर हैं। लगभग सभी दुकानों में यही स्थिति है, जबकि उत्पाद विभाग के अधिकारी इस पर मौन साधे हुए हैं।
विभाग ने हाल ही में पांच मानव प्रदाता कंपनियों को शराब दुकानों के संचालन के लिए दो माह का विस्तार दिया है, लेकिन इनमें से तीन कंपनियों ने अब तक बैंक गारंटी जमा नहीं की है। इनकी पिछली गारंटी की अवधि 31 मार्च 2025 तक थी, जिसके बाद का विस्तार तो हुआ, पर गारंटी जमा नहीं की गई।
इसके साथ ही उपभोक्ताओं को मनपसंद विदेशी शराब उपलब्ध नहीं हो पा रही है। झारखंड बार एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन कुमार ने इसको लेकर उत्पाद आयुक्त सह जेएसबीसीएल के एमडी को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि शराब की अनुपलब्धता के कारण ग्राहक बार से लौट जा रहे हैं जिससे संचालकों को आर्थिक क्षति हो रही है।
रंजन कुमार का कहना है कि विभाग की ओर से कोटा निर्धारित होने के बावजूद लोकप्रिय ब्रांड उपलब्ध नहीं हैं, जिससे बिक्री प्रभावित हो रही है और बार संचालकों को टैक्स व जुर्माने का सामना करना पड़ रहा है।
राज्य में नई उत्पाद नीति डेढ़-दो महीने में लागू होने की संभावना है, जिससे खुदरा दुकानों का संचालन सीधे विभाग के अधीन आ जाएगा। इसे देखते हुए वर्तमान दुकानदार मनमानी पर उतारू हो गए हैं।