पटना: वैसे तो पुलिस महकमा के वरीय अधिकारी कहते हैं कि पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए होती है लेकिन अक्सर आमलोग पुलिस के समक्ष जाने से डरते हैं। इसका मुख्य कारण है वर्दी और पॉवर का दुरूपयोग। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजधानी पटना से जिसमे जांच करते हुए इंस्पेक्टर समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले में पुलिस मुख्यालय की तरफ से बताया गया कि वर्ष 2022 के एक मामले में राजीव नगर निवासी विनोद कुमार सिंह ने डीजीपी को एक आवेदन दे कर न्याय की मांग की थी। Patna Patna Patna Patna Patna Patna
मामले में आवेदक ने डीजीपी को बताया था कि पुलिस ने पुलिस ने नवंबर 2022 में संदेह के आधार पर तीन लोगों को एक बाइक तथा दो मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर पुलिस ने उनकी दुकान में छापेमारी की और उनके बेटे को गिरफ्तार करते हुए कुछ मोबाइल फोन भी जब्त किया था। पुलिस ने उन्हें कोई जब्ती सूची नहीं दी। बाद में पुलिस ने 5 कीमती मोबाइल अवैध तरीके से रख कर तीन मोबाइल का जब्ती सूची बना कर उन्हें दिया।
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इसके साथ ही पुलिस ने पहले बरामद दो मोबाइल और एक बाइक के बारे में कोई अनुसंधान नहीं किया साथ ही दुकान से पुलिस ने जो मोबाइल जब्त किया था वह चोरी का मोबाइल नहीं था बावजूद इसके पुलिस ने आवेदक के पुत्र को बेवजह जेल भेज दिया और उनका मोबाइल भी जब्त कर उनके विरुद्ध आरोप पत्र भी कोर्ट में दाखिल कर दिया। मामले में पुलिस मुख्यालय की तरफ से जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन इंस्पेक्टर गौतम कुमार, थानाध्यक्ष नीरज कुमार, मामला दर्ज करवाने वाले एसआई शंभू शंकर सिंह, अनुसंधानकर्ता श्याम नारायण सिंह, सिपाही अनिल कुमार, ब्रजकिशोर प्रसाद, हरिश्चंद्र सिंह, प्रभास कुमार पासवान, ओमप्रकाश और चालक बालकिशोर यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
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पटना से चंदन तिवारी की रिपोर्ट