रांची: झारखंड सरकार की मंत्रिपरिषद की अहम बैठक गुरुवार को होने जा रही है। इस बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की नई उत्पाद नीति को मंजूरी दी जा सकती है। इसके तहत राज्य की खुदरा शराब दुकानों को एक बार फिर निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
राज्य में वर्तमान में उत्पाद विभाग के अधीन करीब 1453 शराब दुकानें संचालित हो रही हैं, जिनमें 280 देसी, 640 कंपोजिट और 531 विदेशी शराब की दुकानें शामिल हैं। कंपोजिट दुकानों में देशी, विदेशी और बीयर—तीनों तरह की शराब की बिक्री होती है। अब तक ये दुकानें सरकार द्वारा मानव प्रदाता एजेंसी के माध्यम से चलाई जा रही थीं। मगर नई नीति के तहत इन्हें निजी एजेंसियों या व्यक्तियों को सौंपने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है।
नई उत्पाद नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित हैं। इनमें शराब बिक्री का समय बढ़ाना और लाइसेंस वितरण में ‘एक समूह, एक व्यक्ति या एक एजेंसी’ को ही सीमित संख्या में दुकानें आवंटित करने की व्यवस्था शामिल है। सरकार इसे आगामी 1 जून से लागू करने की योजना बना रही है।
इधर, राज्य सरकार अपने दो लाख कर्मचारियों और करीब 50 हजार पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते (डीए) में दो फीसदी की वृद्धि कर राहत देने जा रही है। यदि कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पास होता है, तो राज्यकर्मियों को जनवरी 2025 से बढ़ा हुआ डीए मिलेगा। वर्तमान में राज्य 53 फीसदी डीए दे रहा है, जो अब 55 फीसदी हो जाएगा। यह निर्णय केंद्र सरकार की तर्ज पर लिया जा रहा है, जिसने अप्रैल में अपने कर्मियों के लिए डीए में वृद्धि की थी।
इस फैसले से राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर बढ़ती महंगाई के दौर में।