Saturday, August 2, 2025

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World Environment Day 2025: इस बार की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ वैश्विक मुहिम’, जानिए क्यों यह थीम बेहद जरूरी है

Ranchi: हर साल 5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) बड़े उत्साह और गंभीरता के साथ मनाया जाता है। इस साल 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा तय की गई थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करना” (Beat Plastic Pollution)। इस बार का उद्देश्य केवल प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को बताना नहीं, बल्कि उसे समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों की प्रेरणा देना है।

प्लास्टिक प्रदूषण: एक गंभीर वैश्विक संकट
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम के पीछे एक बहुत बड़ा संकट छिपा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल दुनिया में 400 मिलियन टन (40 करोड़ टन) से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें से करीब आधा प्लास्टिक केवल एक बार उपयोग में लाया जाता है और फिर फेंक दिया जाता है। इसका रीसाइक्लिंग प्रतिशत 10% से भी कम है। एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, हर साल करीब 1.1 करोड़ टन प्लास्टिक समुद्रों, नदियों और झीलों में पहुंच जाता है – जो भार में लगभग 2,200 एफिल टावरों के बराबर है।

World Environment Day 2025: साउथ कोरिया बना मेजबान                                                 हर साल विश्व पर्यावरण दिवस का उत्सव अलग अगल देश में आटोजित किया जाता है। इस बार मेजबानी कर रहा है साउथ कोरिया। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अंतर्गत हर साल किसी एक देश में इस दिवस का वैश्विक आयोजन किया जाता है। साउथ कोरिया इससे पहले भी इंटरगवर्नमेंटल नेगोसिएशन कमेटी (INC) के प्लास्टिक प्रदूषण पर हुए सत्र की मेजबानी कर चुका है और अब वह एक बार फिर इस गंभीर संकट के समाधान हेतु वैश्विक प्रयासों की अगुवाई कर रहा है।

भारत में प्लास्टिक प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक
भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा प्लास्टिक पॉल्यूशन कंट्रीब्यूटर है, जो ग्लोबल एमिशन का लगभग 20% हिस्सा रखता है। देश में कचरे के डंप साइट्स और सैनेटरी लैंडफिल्स का अनुपात 10:1 है, जो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में असंतुलन को दर्शाता है।

भारत में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति कचरा उत्पादन: 0.12 किलोग्राम

खुले में जलाया जाने वाला प्लास्टिक: 5.8 मिलियन टन/वर्ष

नेशनल वेस्ट कलेक्शन कवरेज: 95% (दावा किया गया) – पर ग्रामीण और अनौपचारिक क्षेत्रों में यह आंकड़ा काफी कम है। बैन किए गए प्लास्टिक बैग्स से बारिश में नालियों के जाम की समस्या, जिससे बाढ़ और भारी आर्थिक नुकसान होता है।

कैसे शुरू हुआ विश्व पर्यावरण दिवस?
1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी और 1973 में पहली बार यह दिन मनाया गया। उस समय का नारा था – “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth)। इसके बाद से यह दिवस 150 से अधिक देशों में पर्यावरणीय मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है।

 

 

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