Chakulia: झारखंड के हाशिए पर खड़े खानाबदोश गुलगुलिया समुदाय की बेटी दामिनी सबर ने समाज की सोच को झकझोर दिया है। कभी ट्रेनों में भीख मांगने वाले समुदाय से आने वाली दामिनी ने 2025 की इंटर (IA) परीक्षा प्रथम श्रेणी में 67% अंक लाकर न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा की मिसाल पेश की है। इससे पहले 2023 में उसने मैट्रिक भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया था।
गुलगुलिया जाति से ऐसा करने वाली पहली छात्रा बनी
दामिनी गुलगुलिया जाति से मैट्रिक और इंटर पास करने वाली पहली छात्रा बन गई है। उसके इस सफर की शुरुआत उस वक्त हुई जब जिला की तत्कालीन उपायुक्त विजया जाधव की पहल पर उसका नामांकन कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कराया गया। दामिनी ने वहां से प्लस टू की पढ़ाई की और अब इतिहास विषय से स्नातक करना चाहती है।
शादी से किया इनकार पढ़ाई के लिए लड़ी लड़ाई
दामिनी सबर ने बाल विवाह की सामाजिक बेड़ियों को तोड़कर शिक्षा की राह को चुना। मैट्रिक की परीक्षा पास करते ही जब परिवार ने उसकी शादी तय कर दी, तब दामिनी ने साफ इनकार कर दिया। यह साहसी कदम उस समाज के लिए प्रेरणा बन गया, जहां कम उम्र में बेटियों की शादी आम बात मानी जाती है। दामिनी ने अपनी स्थिति तत्कालीन बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर सविता सिन्हा को बताई। उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप कर दामिनी के परिवार को समझाया और इस बाल विवाह को रोकने में सफलता हासिल की। इसी पहल के बाद दामिनी की पढ़ाई का रास्ता फिर से खुल सका।
Chakulia: पेड़ के नीचे पढ़ाई, मजदूरी से घर चलाया
दामिनी उस समय बेघर हो गई थी, जब मैट्रिक परीक्षा से ठीक पहले तेज आंधी-तूफान में उसका मिट्टी का घर गिर गया। पिता के निधन के बाद दामिनी ने छह भाई-बहनों और मां के साथ मजदूरी कर घर चलाया। पढ़ाई के साथ-साथ वह रोजी-रोटी के लिए भी संघर्ष करती रही। लेकिन हालात से हार मानने की बजाय उसने पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई की और मैट्रिक प्रथम श्रेणी से पास की।
जाति प्रमाण पत्र के लिए संघर्षरत
मगर अब वह जाति प्रमाण पत्र की समस्या से जूझ रही है। उसका समुदाय अंचल कार्यालय की सूची में शामिल नहीं है और ना ही उसके पास कोई जमीन या घर है, जिससे प्रमाण पत्र बनवाना मुश्किल हो रहा है। दामिनी ने अपनी समस्या स्थानीय बीडीओ आरती मुंडा और उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को बताई है। उपायुक्त ने जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन मांगा है, जो दामिनी ने भेज भी दिया है।















