रांची: झारखंड की हेमंत सरकार द्वारा शुरू की गई मैया सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को हर महीने ₹500 की आर्थिक सहायता देना है। यह राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है। मई महीने में भी अप्रैल की बकाया राशि भेजी गई। परंतु इस बार भी कई योग्य महिलाओं के खातों में पैसा नहीं पहुंच पाया।
सरकार ने योजना के तहत लाभ देने में कोई कोताही नहीं की है। कई महिलाएं जिन्होंने सभी शर्तें पूरी की थीं, उन्हें समय पर पैसा भी मिला। बावजूद इसके, कई खातों में पैसा अटक गया और इसके पीछे की वजह राज्य सरकार नहीं, बल्कि स्वयं लाभार्थियों की लापरवाही रही।
मैया सम्मान योजना – क्यों नहीं आया पैसा?
बैंक खाता आधार से लिंक नहीं: सरकार ने DBT के लिए आधार लिंक जरूरी किया है। कई महिलाओं का खाता अब तक लिंक नहीं हो पाया है।
दस्तावेज वेरिफिकेशन अधूरा: कई महिलाओं ने अपने दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कराया, जिसके कारण वे पात्र होने के बावजूद लाभ नहीं पा सकीं।
समय पर प्रक्रिया पूरी नहीं की: सरकार ने समय-सीमा भी दी थी लेकिन कई लाभार्थी जागरूक नहीं हो सके।
समाधान क्या है?
लाभार्थी महिला को आंगनबाड़ी केंद्र जाकर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
बैंक खाता आधार से लिंक कराना अनिवार्य है।
सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे कर ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है।
पात्रता मापदंड:
आवेदिका झारखंड की निवासी होनी चाहिए।
उम्र 21 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
पारिवारिक सालाना आय ₹3 लाख या उससे कम होनी चाहिए।
परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में न हो और न ही इनकम टैक्सदाता हो।
मैया सम्मान योजना – आवश्यक दस्तावेज:
आधार कार्ड
राशन कार्ड
निवास प्रमाण पत्र
आय प्रमाण पत्र
उम्र प्रमाण पत्र
बैंक पासबुक
जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
पासपोर्ट साइज फोटो
मोबाइल नंबर
योजना में आवेदन JMMSY पोर्टल के जरिए ऑनलाइन किया जा सकता है, जबकि ऑफलाइन प्रक्रिया के लिए निकटवर्ती आंगनबाड़ी केंद्र में संपर्क किया जा सकता है।
सरकार द्वारा चलाई जा रही मैया सम्मान योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र महिलाओं को केवल थोड़ी सी सतर्कता और जानकारी की जरूरत है। योजना में पैसा अटकने की सबसे बड़ी वजह खुद लाभार्थियों की लापरवाही है, जिसे समय रहते सुधारकर वे इस आर्थिक सहायता का लाभ उठा सकती हैं।
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