रांची/पटना: सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। गुरुवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक साथ 11 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग ऐंगल से की जा रही है, जिसकी जड़ें कुख्यात संजीव मुखिया गैंग से जुड़ी मानी जा रही हैं।
पटना में डॉ. शिव कुमार और रांची में सिकंदर प्रसाद यादवेंद्र के परिसरों पर विशेष रूप से रेड की गई। ईडी को शक है कि ये दोनों संजीव मुखिया के करीबी हैं और कथित तौर पर लीक पेपर बेचने और पैसे की अवैध लेन-देन में शामिल थे। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज़, डायरी और संदिग्ध लेनदेन से जुड़े सबूत जब्त किए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क संजीव मुखिया के नेतृत्व में बिहार में संचालित हो रहा था। ईओयू (Economic Offences Unit), बिहार ने पहले ही इस मामले में जांच कर अपनी रिपोर्ट ईडी को सौंपी थी। उसी के आधार पर ईसीआईआर दर्ज कर अब ईडी ने यह व्यापक कार्रवाई की है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि लीक किए गए प्रश्नपत्रों को मोटी रकम लेकर परीक्षार्थियों तक पहुंचाया गया था।
जांच एजेंसी अब इस पूरे रैकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान और पैसों की लेन-देन के पैटर्न की गहन पड़ताल कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि छापेमारी के बाद देर शाम तक कुछ बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इस मामले में संजीव मुखिया का नाम पहले भी NEET और BPSC जैसी परीक्षाओं के पेपर लीक में आ चुका है, जिससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह एक संगठित और अंतरराज्यीय गिरोह है। फिलहाल ईडी की छापेमारी जारी है और आगे की कार्रवाई को लेकर कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है।