
रांची: मानसून की भारी बारिश से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को सभी जिलों के उपायुक्तों (डीसी) के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर स्थिति की समीक्षा की और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने सभी अफसरों को पूर्ण अलर्ट मोड में रहने को कहा ताकि किसी भी आपदा या जन-समस्या का समय रहते समाधान हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन कर शीघ्र रिपोर्ट भेजें, ताकि समय पर राहत और मुआवजा लोगों को दिया जा सके। उन्होंने नगर निकायों और जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर जलजमाव की समस्या से आम लोगों को राहत दिलाने के लिए युद्धस्तर पर काम करने को कहा।
मुख्य निर्देश :
भारी वर्षा के मद्देनजर सभी जिलों के डीसी अलर्ट रहें।
जलजमाव वाले क्षेत्रों में निकासी, छिड़काव और राहत कार्य प्राथमिकता में हों।
सर्पदंश से निपटने के लिए दवा व स्टाफ की व्यवस्था हो।
अवैध बालू खनन पर तत्काल रोक लगे।
पर्यटन स्थलों पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए।
उन्होंने कहा कि जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त की जाए और जरूरत पड़ने पर मोटर पंप लगाकर पानी हटाया जाए। जलजमाव वाले क्षेत्रों में नियमित छिड़काव कराने के निर्देश भी दिए ताकि संक्रामक बीमारियों पर काबू पाया जा सके।
पर्यटन स्थलों पर विशेष सतर्कता:
मुख्यमंत्री ने वॉटरफॉल, डैम, बराज जैसे पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाएं और जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ व स्थानीय लोगों की मदद ली जाए।
स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक:
बारिश के दौरान सर्पदंश की घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए सीएम ने सभी अस्पतालों में एंटी वेनम और अन्य आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति भी तय करने को कहा।
अवैध बालू खनन पर सख्ती:
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई स्थानों पर पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, जिसका एक बड़ा कारण अवैध बालू खनन है। उन्होंने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने और सभी जर्जर सड़क, पुल-पुलियों की मरम्मत शीघ्र कराने के निर्देश दिए।