रांची: रांची के ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में 27 जून से शुरू हो रहे जगन्नाथपुर रथ मेला की तैयारी अंतिम चरण में है। यह मेला झारखंड ही नहीं, बल्कि ओड़िशा, बंगाल, बिहार व छत्तीसगढ़ से आनेवाले लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र होता है। दस दिनों तक चलने वाले इस मेले में 8 से 10 लाख श्रद्धालु आने की संभावना है।
रथ यात्रा को लेकर रथ की मरम्मत, सजावट और पेंटिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। रथ की खास बात यह है कि इसका वजन लगभग 18 टन है और इसकी ऊंचाई 51 फीट है। रथ की लंबाई-चौड़ाई 35 फीट बताई गई है। वर्तमान रथ आठ चक्कों वाला है, जबकि पहले इसमें 19 चक्के हुआ करते थे।
रथ निर्माण का कार्य पीढ़ियों से स्थानीय कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। नयासरा निवासी महावीर लोहरा जैसे कारीगरों का कहना है कि उनके परिवार की तीन पीढ़ियां इस परंपरा से जुड़ी रही हैं और अब वे अपनी अगली पीढ़ी को यह कला सिखा रहे हैं। पेंटिंग और सजावट के लिए पुरी (ओड़िशा) से विशेष कारीगर रांची पहुंचे हैं, जो पारंपरिक शैली में रथ को सजाने का कार्य कर रहे हैं।
रथ को खींचने के लिए जो विशेष मोटी रस्सी प्रयोग होती है, उसे भी बाहर से मंगाया गया है। श्रद्धालु इस रस्सी को खींचकर रथ को मंदिर से बाहर लाते हैं, जो इस परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।