रांची: झारखंड की जेल व्यवस्था अब तकनीक से और अधिक आधुनिक होने जा रही है। राज्य के 32 कारा-उपकारा एवं महिला प्रोबेशन होम में कियोस्क बेस्ड सिक्योर ऑडियो-वीडियो कम्युनिकेशन सिस्टम और प्रिजनर मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर (PMS) लगाए जाएंगे। इसके लिए गृह विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 26.41 करोड़ रुपये से अधिक की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है।
इस योजना के तहत न केवल कैदियों को कोर्ट में वर्चुअल पेशी की सुविधा मिलेगी, बल्कि परिजनों व अधिवक्ताओं के साथ ऑडियो-वीडियो कियोस्क के माध्यम से संवाद की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। इससे जेल और न्यायालय के बीच सुरक्षा, समय और संसाधनों की बचत होगी।
जेलवार सिस्टम की संख्या
राज्य की प्रमुख जेलों में इस तकनीक को बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा। उदाहरणस्वरूप,
सेंट्रल जेल होटवार रांची में 10 PMS और 9 AV कियोस्क
घाघीडीह, जमशेदपुर में 5 PMS और 6 AV कियोस्क
सेंट्रल जेल हजारीबाग में 5 PMS और 5 AV कियोस्क
गुमला जेल में 6 PMS और 6 AV कियोस्क
महिला प्रोबेशन होम, नामकुम में 1 PMS और 2 AV कियोस्क
लगाए जाएंगे।
इसी प्रकार, दुमका, चाईबासा, साहिबगंज, लोहरदगा, सिमडेगा, रामगढ़, चतरा, मधुपुर, पाकुड़, सरायकेला, जामताड़ा, कोडरमा, गढ़वा, बरही, खूंटी, लातेहार, राजमहल, घाटशिला समेत राज्य के अन्य कारागारों में भी PMS व AV कियोस्क की संख्या तय कर दी गई है।
इस तकनीकी पहल से जहां कैदियों की कोर्ट पेशी में आने-जाने की जटिलता और जोखिम कम होंगे, वहीं संचार प्रणाली में पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी। यह जेल सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।