Thursday, July 3, 2025

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तेजस्वी ने आयोग पर उठाए कई सवाल, चुनाव से पहले पुनरीक्षण का फैसला कितना सही है?

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रदेश कार्यालय में कल यानी एक जुलाई को बिहार महागठबंधन की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस किया गया था। जिसमें विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, वामदल के नेता सहित कई लोग मौजूद थे। इस बीच तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से कई सवाल किए। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पुनरीक्षण का फैसला कितना सही है। जो डॉक्यूमेंट्स मांग रहा है, वो कितनों के पास है। इस मामले पर सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं हुई है। चुनाव आयोग से हमलोगों को समय नहीं मिल रहा है।

तेजस्वी ने आयोग पर उठाए कई सवाल, चुनाव से पहले पुनरीक्षण का फैसला कितना सही है?

मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025 के नाम भ्रम फैलाया जा रहा है – तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि हम देख रहे हैं कि बिहार में विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण 2025 के नाम पर एक ऐसा अभियान चलाया जा रहा है, जो पूरी तरह से भ्रम, अनिश्चितता और दमनात्मक रवैये से भरा हुआ है। 27 जून को हमारी प्रेस कांफ्रेंस में बाद से अब तक चुनाव आयोग ने इस विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान कई बार दिशा-निर्देशों में बदलाव किए है। कभी योग्यता तिथि बदली, कभी दस्तावेज़ की प्रकृति बदली, कभी प्रक्रिया की समय सीमा बदली। यह कैसा पुनरीक्षण है, जहाँ हर हफ्ते नए आदेश आते हैं और पुराने आदेशों को बदला जाता है? क्या आयोग स्वयं सुनिश्चित नहीं है कि वह करना क्या चाहता है।

तेजस्वी ने कहा- इस पूरे अभियान की योजना किसी राजनीतिक दल से साझा की गई?

उन्होंने कहा कि क्या इस पूरे अभियान की योजना किसी राजनीतिक दल से साझा की गई? क्या कोई सर्वदलीय बैठक हुई। क्या यह एकतरफा और गोपनीय चुनावी ‘साफ-सफाई’ नहीं है। चुनाव आयोग बिहार में गहन मतदाता पुनरीक्षण क्यों करा रहा है, इसके पीछे जो दलीलें दी गई हैं।‌ उसे पढ़ने से आयोग और उसकी मंशा कठघरे में खड़ी हो जाती है। आयोग कहता है कि पिछली बार गहन मतदाता पुनरीक्षण वर्ष 2003 में हुआ था। उसके बाद राज्य में शहरीकरण,सूचना का समय पर अद्यतन न होना तथा फर्जी और विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाने जैसी समस्याएं सामने आई। ऐसे में आयोग ने एक बार फिर पूरे राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कराने का निर्णय लिय लिया है। दिए गए कार्यक्रम के अनुसार, एक जुलाई 2025 की अर्हता तिथि के आधार पर पुनरीक्षण कार्य किया जा रहा है।

चुनाव से 2 महीने पहले मात्र 25 दिन के भीतर इतना गहन पुनरीक्षण कैसे संभव होगा – तेजस्वी

तेजस्वी ने कहा कि सवाल उठता है कि शहरीकरण,सूचना का समय पर अद्यतन न होना तथा फर्जी और विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाने जैसी समस्याएं सामने आने पर यदि मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कराना जरूरी हो गया है तो यह प्रक्रिया एक/ दो साल पहले क्यों नहीं शुरू की गयी ताकि किसी प्रकार की अफरातफरी नहीं मचती। बिहार विधानसभा का चुनाव नवंबर 2025 में संपन्न हो जाना है तो चुनाव से दो महीने पहले मात्र 25 दिन के भीतर इतना गहन पुनरीक्षण कैसे संभव होगा। आयोग कह रहा है कि बीएलओ तीन बार मतदाता के निवास स्थल पर जायेगा। अगर बताये गये पते पर मतदाता नहीं मिलेगा तो उसका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया जायेगा। मतदाताओं को गहन पुनरीक्षण के लिए भौतिक रूप से उपस्थित रहना जरूरी है।

आयोग के इस नियम का शिकार वे लोग होंगे जो लंबी या छोटी अवधि के लिए घर से दूर रोजी-रोटी कमाने जाते हैं

आयोग के इस नियम का शिकार वे लोग होंगे जो लंबी या छोटी अवधि के लिए घर से दूर रोजी-रोटी कमाने जाते हैं। ऐसे लोग चुनाव के समय प्रायः अपने गांव‌- घर लौटते हैं। वोट डालते हैं। कुछ दिन छुट्टियां मनाते हैं। फिर अपने काम पर लौट जाते हैं। ऐसे लोग तो भौतिक सत्यापन में ही वोटर लिस्ट से बाहर हो जायेंगे। उनको तो कागज दिखाने का भी मौका नहीं मिलेगा। क्योंकि यह संभव नहीं है कि गरीब आदमी अपना कामकाज छोड़कर दूसरे प्रदेश से वोट के लिए अपना सत्यापन कराने घर आयेंगे। ऐसे लोगों में आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक बिरादरी के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। दो दिसंबर 2004 के बाद के मतदाताओं को अपने साथ-साथ अपने माता-पिता दोनों का पहचान पत्र देना होगा, पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड एवं राशनकार्ड मान्य नहीं होगा। चुनाव आयोग द्वारा 11 दस्तावेज को मान्यता प्रदान की गई है जिसे उपलब्ध कराया जा सकता है। अब मैं चुनाव आयोग, बिहार सरकार और भारत सरकार से सवाल पूछना चाहता हूँ कि बिहार में इन 11 दस्तावेजों का प्रतिशत बताएं।

तेजस्वी ने चुनाव आोयग से पूछे कई सवाल

1. भारत सरकार राज्य सरकार एवं पब्लिक सेक्टर उपक्रमों में कार्यरत कितने प्रतिशत कर्मी है और कितने प्रतिशत कर्मियों के पास को आई कार्ड/पेंशन पेमेंट ऑर्डर है? आंकड़ा बताए?

2. 1/7/1987 के पूर्व सरकारी, स्थानीय प्राधिकार, बैंक ,पोस्ट ऑफिस, एलआईसी एवं पब्लिक सेक्टर उपक्रमों द्वारा निर्गत आई कार्ड/प्रमाण पत्र/दस्तावेज कितने प्रतिशत लोगों के पास है?

3. सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र कितने प्रतिशत लोगों के पास है?

4. बिहार में कितने प्रतिशत लोगों के पास पासपोर्ट है?

5. बिहार में कितने प्रतिशत लोगों के पास मान्यता प्राप्त बोर्ड अथवा विश्वविद्यालय द्वारा निर्गत मैट्रिक शैक्षणिक प्रमाण पत्र है?

6. बिहार में कितने प्रतिशत लोगों के पास स्थायी आवासीय प्रमाण पत्र है?

7. बिहार में कितने प्रतिशत लोगों के पास वन अधिकार प्रमाण पत्र है?

8. बिहार में कितने प्रतिशत लोगों के पास सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत ओबीसी/एससी/एसटी जाति प्रमाण पत्र है? जातीय सर्वेक्षण में सबको जातियों की संख्या पता है। क्या उतने जातीय प्रमाण पत्र निर्गत है? बताओ?

9. कितने प्रतिशत लोग नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) में पंजीकृत है?

10. कितने प्रतिशत लोग राज्य/स्थानीय प्राधिकार द्वारा तैयार फैमिली रजिस्टर में है?

11. कितने प्रतिशत के पास सरकार द्वारा भूमि या गृह आवंटन प्रमाण पत्र है?

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