रांची: झारखंड शराब घोटाले की जांच तेजी पकड़ रही है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बुधवार को प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी विधु गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। यह इस घोटाले में आठवीं गिरफ्तारी है। विधु गुप्ता को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके बाद साक्ष्यों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
विधु गुप्ता को मई 2022 में झारखंड में लागू नई उत्पाद नीति के तहत शराब की बोतलों पर होलोग्राम लगाने का ठेका मिला था। छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आईएएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी और कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया की मदद से उसे यह काम मिला। प्रिज्म कंपनी ने 35 पैसे प्रति होलोग्राम की दर से 52 करोड़ होलोग्राम सप्लाई किए थे।
कमीशन और फर्जी होलोग्राम का आरोप
एसीबी की जांच में सामने आया है कि विधु गुप्ता ने नौ फीसदी कमीशन के बदले झारखंड में अधिकारियों को भुगतान किया। आरोप है कि यह रकम मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे तक भी पहुंची। इतना ही नहीं, नकली होलोग्राम की आपूर्ति का भी आरोप है।
अब ACB कोर्ट में रिमांड के लिए आवेदन देगी ताकि पूछताछ कर यह पता लगाया जा सके कि कितनी राशि किन-किन अफसरों को दी गई और किन स्तर पर गड़बड़ियां की गईं।
नोएडा और छत्तीसगढ़ में पहले से फंसा है गुप्ता
विधु गुप्ता मूल रूप से नोएडा के कासना थाना क्षेत्र का निवासी है। उसे नोएडा STF ने पहले भी फर्जीवाड़े के एक मामले में गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह जमानत पर बाहर था। वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भी कासना थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
विनय चौबे के खिलाफ नया मामला
इस बीच निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ACB अब उनके खिलाफ चौथा केस दर्ज करने की तैयारी में है। हजारीबाग के जमीन घोटाले से जुड़े एक मामले में सरकार से एफआईआर की अनुमति मांगी गई है।
वर्ष 2010 में हजारीबाग डीसी रहते हुए चौबे ने कथित तौर पर गैर-मजरूआ वन भूमि को निजी नाम पर दाखिल-खारिज करवा दिया था, जबकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक यह जमीन संरक्षित वन क्षेत्र के तहत आती है। एसीबी ने वर्ष 2015 में इस मामले की प्रारंभिक जांच (पीई) शुरू की थी, जिसमें खाता संख्या 95 की जमीन पर मिलीभगत से फर्जीवाड़ा सामने आया है।
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