Thursday, July 31, 2025

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राज्यपाल के आदेश के बावजूद डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट एडमिशन जारी, कई कॉलेजों पर कार्रवाई की तलवार

रांची: झारखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत इंटरमीडिएट की पढ़ाई को स्कूल स्तर पर सीमित करने के स्पष्ट निर्देश के बावजूद राज्य के कई एफिलिएटेड डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट (11वीं और 12वीं) में एडमिशन लिए जा रहे हैं। जबकि राज्यपाल द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया गया था कि डिग्री कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद की जाए।

रांची यूनिवर्सिटी, विनोबा भावे यूनिवर्सिटी, कोल्हान, सिद्धो-कान्हू और नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले कॉलेजों — जैसे जेएम कॉलेज भुरकुंडा, जुबली कॉलेज रामगढ़, आनंदा कॉलेज हजारीबाग, निर्मला कॉलेज रांची, गोस्सनर कॉलेज रांची, और संजय गांधी कॉलेज रांची — में अभी भी इंटरमीडिएट में एडमिशन की प्रक्रिया जारी है।

NEP 2020 के मुताबिक, स्कूल और उच्च शिक्षा के बीच स्पष्ट अंतर बनाने के उद्देश्य से इंटर की पढ़ाई केवल प्लस टू स्कूलों और इंटर कॉलेजों में होनी चाहिए। इसके बावजूद कई डिग्री कॉलेजों ने इन निर्देशों को नज़रअंदाज़ कर दिया है, जिसकी बड़ी वजह राजस्व अर्जन को बताया जा रहा है।

विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. चंद्र भूषण शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी कॉलेजों से तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उधर, राजभवन की ओर से संयुक्त सचिव अर्चना मेहता ने राज्य के चार प्रमुख विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर एक सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।

इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी भी चल रही है। वित्त रहित संघर्ष मोर्चा से जुड़े रघुनाथ सिंह और मनीष कुमार ने बताया कि नियमों के उल्लंघन के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

 

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