Tuesday, September 9, 2025

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व्यापारी हरिजी गुप्ता हत्याकांड : 5 को आजीवन कारावास, 80 हजार का जुर्माना

आरा : आरा की एडीजे-2 की अदालत ने शहर के चर्चित हरिजी गुप्ता हत्याकांड में आज फैसला सुनाते हुए सभी पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले इसी वर्ष सात जुलाई को इस अदालत ने सभी पांच अभियुक्त अमर कुमार, रितेश महतो, रंजन यादव, रंजन यादव उर्फ बउआ और राजू यादव को 302/34, 364/34 व 201/34 आईपीसी में दोषी करार दिया था। आईपीसी की धारा में सभी को आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड, 364/34 में 10 वर्ष की कठोर सजा, 20 हजार रुपए का अर्थ दंड, 201/34 में पांच वर्ष की कठोर सजा और 10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।

हरिजी गुप्ता का हुआ था अपहरण, मिली थी लाश

हरिजी गुप्ता के अपहरण के संबंध में एक मुकदमा आरा नगर थाना में कांड संख्या 930/22 अंकित कराया गया था। हरिजी गुप्ता दो नवंबर 2022 की शाम को पांच बजे घर से निकले मगर लौट कर घर नहीं पहुंचे तो उनके पुत्र उदय प्रकाश गुप्ता ने अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई। अपहरण के पीछे हरिजी गुप्ता के अपने हीं किराएदारों अमर कुमार तथा नाजो खातून एवं उनके सहयोगियों की संलिप्तता का संदेह जताया गया था। विवाद मार्केट से रूम खाली करवाने एवं किराया को लेकर हुआ बताया गया था। बाद में हरिजी गुप्ता की लाश पुलिस ने रानी सागर से बरामद किया था। पोस्टमार्टम में गला दबाकर हत्या की बात सामने आई जिसके बाद यह मामला हत्या की धाराओं में परिवर्तित हो गया।

न्यायालय में चला सेशन ट्रायल 238/23

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय की न्यायालय में इस मामले में सेशन ट्रायल 238/23 का विचारण हुआ। अभियोजन की ओर से अपर जिला अभियोजन पदाधिकारी (से०ग्रे०) माणिक कुमार सिंह ने बहस की। जबकि बचाव पक्ष से अलग अलग अधिवक्ताओं ने बहस में भाग लिया। इस मामले में न्यायालय ने सात जुलाई 2025 को पांच अभियुक्त अमर कुमार, रितेश महतो, रंजन यादव, रंजन यादव उर्फ बउआ और राजू यादव को 302/34, 364/34 और 201/34 आईपीसी में दोषी करार दिया था।

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परिस्थिति जन्य साक्ष्य के आधार पर सजा

आपको बता दें कि इस केस में डायरेक्ट इविडेंश नहीं था। परिस्थिति जन्य साक्ष्य पर पांच लोगों को गिल्टी होल्ड हुआ है। न्यायालय ने लास्ट सीन थियरी का को स्वीकार करते हुए उक्त गिल्टी होल्ड किया। घटना में प्रयुक्त वाहन का जीपीएस, विभिन्न मोबाइल का सीडीआर भी कांड अनुसंधान में काफी अहम रहा। न्यायालय सभी साक्ष्य को स्वीकार किया है।‌

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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट

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