आरा : भोजपुर जिले के आरा नगर निगम के रिंकु देवी को राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस समारोह और राष्ट्रपति भवन में रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया है। रिंकू देवी को यह सम्मान प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी (PM Awas Yojana) के तहत बेहतरीन आवास निर्माण के लिए मिला है। वह राज्य भर के नगर निकाय क्षेत्र से दूसरी महिला हैं जिन्हें यह सम्मान मिला है। बिहार की रिंकु देवी को राष्ट्रपति भवन से स्वतंत्रता दिवस डिनर का न्योता मिला है। यह सिर्फ एक आम महिला की नहीं, बल्कि सरकारी योजना से सशक्त हुई नारी शक्ति की कहानी है। पीएम आवास योजना की लाभार्थी रिंकु देवी अब राष्ट्रीय सम्मान की प्रतीक बन गई हैं। यह साबित करता है कि सही योजना और प्रयास ज़िंदगी बदल सकते हैं।
रिंकू देवी को 15 अगस्त को भारत की महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा सम्मान दिया जाएगा
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत उसके तमाम मानको को पूरा करने और आवास निर्माण उपरान्त उसमें रहने वाली लाभार्थी रिंकू देवी को 15 अगस्त को भारत की महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा सम्मान दिया जाएगा। लाभार्थी रिंकू देवी पति दूधनाथ चौधरी हनुमान टोला धरहरा वार्ड संख्या-33 के निवासी हैं जो स्वयं आंगनबाडी में सहायिका के तौर पर काम करती हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति से मिलने और डिनर कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिला है – रिंकू देवी
रिंकु देवी कहती हैं कि स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति से मिलने और डिनर कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिला है, यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। पूरा मोहल्ला मेरे साथ खुश है। जो हमारे लिए गर्व की बात हैं जिसके लिए मैं आरा नगर निगम के महापौर इंदू देवी, नगर आयुक्त अंजू कुमारी, आवास सहायक कुमारी सुधा और अभियंता आलोक कुमार सहित अपने वार्ड के पार्षद का आभारी हूं। जिन लोगो के प्रयास से आज हमे भारतीय डाक द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदया द्वारा हमें 15 अगस्त 2025 को सम्मानित होने का स्वभाग्य प्राप्त हुआ है एवं उनके साथ रात्री भोजन का भी स्वभाग्य प्राप्त हुआ हैं। हमें वित्तीय वर्ष 2020-21 में आवास योजना का लाभ प्राप्त हुआ था। आवास निर्माण में मैने सभी मानकों के अनुरूप आवास योजना की दो लाख रुपए और कुछ राशि खर्च कर आवास का निर्माण करवाया। इस प्रकार का सम्मान प्राप्त होने से यह बात साबित होती है कि अच्छे कार्य का परिणाम अच्छा ही होता हैं।
पटना की सविता देवी बनेंगी राष्ट्रपति की मेहमान, 15 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में करेंगी डिनर
पटना के मसौढ़ी से है जहां सविता देवी नाम कि एक महिला को इंदिरा आवास मिला और उसने झोपडी से अपना संदर मकान उसी पैसे से बना दिया जिसकी वजह से उन्हें राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया है। किस्मत चमकाना इसी को कहते है और यह कहावत बिहार की राजधानी पटना की सविता देवी के जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। जिनके लिए कभी दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल था, अब वह देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की विशेष अतिथि बनेंगी। स्वतंत्रता दिवस की शाम उन्हें राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया है, जहां वे राष्ट्रपति के साथ डिनर करेंगी।

सविता देवी पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड तारेगना डीह के निवासी हैं
सविता देवी पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड तारेगना डीह के निवासी हैं। उनका जीवन संघर्षों की मिसाल रहा है। शादी से पहले एक मेडिकल लापरवाही की वजह से उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी जिससे उनकी शादी एक साधारण परिवार में हुई। पति दिहाड़ी मजदूर थे और परिवार की रोजी-रोटी का एकमात्र सहारा। कच्चे मकान में रहते हुए उन्होंने अपने तीन बच्चों को पालने के लिए हर संभव कोशिश की। आर्थिक तंगी और संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
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सविता ने कहा- पति के गुजर जाने के बाद जीवन और भी कठिन हो गया
पति के गुजर जाने के बाद जीवन और भी कठिन हो गया, लेकिन सविता देवी ने हिम्मत नहीं खोई। उन्होंने जीविका समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने की राह पकड़ी। अपनी मेहनत और ईमानदारी से उन्होंने सामुदायिक संसाधन व्यक्ति (CRP) का पद हासिल किया और फिर नगर परिषद में कार्य करने लगीं। वहीं उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ने का अवसर मिला, जिससे उन्होंने कई गरीब परिवारों के जीवन में भी आशा की किरण पहुंचाई। उनकी सादगी, सेवा भावना और प्रतिबद्धता ने उन्हें आज एक नई पहचान दिलाई है। राष्ट्रपति कार्यालय से उन्हें जब आमंत्रण पत्र मिला, तो सविता देवी और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन राष्ट्रपति के साथ बैठकर खाना खाने का मौका मिलेगा – सविता देवी
सविता कहती हैं कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन राष्ट्रपति के साथ बैठकर खाना खाने का मौका मिलेगा। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है अब मुझे और सम्मान दिया जा रहा है। उनकी यह कहानी ना केवल प्रेरणा देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि यदि सच्ची लगन और निष्ठा हो, तो कोई भी परिस्थिति व्यक्ति को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। सविता देवी आज लाखों महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं, जो विपरीत हालातों में भी उम्मीद और संघर्ष की लौ जलाए रखती हैं। 15 अगस्त को जब सविता देवी राष्ट्रपति भवन में कदम रखेंगी, तो वह सिर्फ एक महिला नहीं होंगी वे उन तमाम संघर्षशील महिलाओं की प्रतिनिधि होंगी, जो अपने आत्मसम्मान और मेहनत के बल पर जिंदगी को नई दिशा देती हैं।
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