जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं, अफीम तस्करों के विरुद्द चतरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई

Chatra-: चतरा पुलिस की बड़ी कार्रवाई – बिहार-झारखंड की सीमा जंगल-पहाड़ों से घिरा बेहद दुर्गम इलाका माना अमकुदर,

गड़िया, पथेल, धवैया, बेंगो के जंगली और पहाड़ी इलाकों में  पुलिस ने अफीम तस्करों के खिलाफ बड़ी

कार्रवाई करते हुए करीबन दो सौ एकड़ में अफीम की खेती को नष्ट किया है.

इस दुर्गम इलाके में डीसी अंजली यादव, एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ कमांडेंट बाइक चला कर पहुंचे.

बता दें कि यह पूरा इलाका सड़क

और अन्य मूलभूत सुविधाओं से

वंचित है, इसे नक्सलियों का गढ़

माना जाता है, अमकुदर नरसंहार

की भयावह घटना यही हुई थी.

6 सितंबर 1997 को आमकुदर

गांव में एमसीसीआई के उग्रवादियों ने भाकपा माले के 11 लोगों की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी.

बताया जाता है कि भाकपा माले के कार्यकर्ता उस समय वहां ग्रामीणों के साथ एक बैठक कर रहे थें. इसी बैठक से भाकपा माले से जुड़े लोगों को उठा कर निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी.

अब इस इलाके में अफीम तस्करों के द्वारा किसानों को विश्वास में लेकर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है. पुलिस अफीम की खेती को नष्ट करने का विशेष अभियान चला रही है. जिला प्रशासन, पुलिस, सीआरपीएफ 190 बटालियन और वन विभाग द्वारा कैम्प लगाकर इसके विरुद्द अभियान चलाया जा रहा है. डीसी अंजलि यादव और एसपी राकेश रंजन सीआरपीएफ कमांडेंट इस अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं

मौके पर डीसी अंजली यादव ने कहा की विकास से कोसों दूर जंगल- पहाड़ों से घीरे इन इलाकों का योजनाबद्ध तरीके से विकास किया जाएगा. जब तक अफीम पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता तब तक अधिकारी और जवान कैम्प करते रहेंगे

रिपोर्ट- सोनू भारती

अफीम के साथ पकड़ा गया नशा का सौदागर

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