रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 11वीं से 13वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा (विज्ञापन-01/2024) की मुख्य परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली अपील याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने प्रार्थी, राज्य सरकार और जेपीएससी का पक्ष सुनने के बाद प्रतिवादियों से पूछा कि क्या उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन जेपीएससी नियमावली के अनुसार किया गया है या नहीं। यदि नहीं, तो ऐसा क्यों किया गया?
खंडपीठ ने राज्य सरकार और जेपीएससी को इस संबंध में लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई की तिथि 1 सितंबर निर्धारित की। याचिका में मुख्य परीक्षा के परिणाम को रद्द करने और उत्तरपुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि मूल्यांकन जेपीएससी नियमावली के अनुसार नहीं हुआ। नियमों में इसका कोई उल्लेख न होने के बावजूद इस बार डिजिटल मूल्यांकन कराया गया। साथ ही आरोप है कि उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अयोग्य, संविदा या गेस्ट शिक्षकों से करवाया गया, जबकि नियमावली के अनुसार यह कार्य 10 वर्षों से कार्यरत विशेषज्ञ शिक्षकों से होना चाहिए था।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में पहले एकल पीठ ने रिट याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ अब अपील की गई है। वहीं, जेपीएससी 342 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा पहले ही कर चुका है।