Patna– जदयू के तरफ से बिहार के लिए विशेष राज्य का दबाब बनाने की कोशिश के साथ ही वार-पलटवार का दौर शुरु हो चुका है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक डाटा डाल कर बिहार सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र की आबादी बिहार से ज्यादा, लेकिन फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ अधिक दिया गया.
बिहार की तरह बंगाल भी एक पिछड़ा राज्य है लेकिन बिहार को बंगाल की तुलना नें 21 हजार करोड़ रुपये ज्यादा दिए गए है, दक्षिण भारत के राज्यों की हमेशा शिकायत रहती है कि केंद्र सरकार उन्हे कम पैसे देती है, क्योंकि हमने आबादी को 70 के दशक में ही केंद्र की नीतियों के कारण रोक लिया था.
जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे, उनको अलग से कमाई होती थी. अब इस कमाई का बडा़ हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है जिसके कारण बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है. जहां भी संभव हो हमें प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप करनी होगी. उद्योग लगाने वालों को विलेन समझने की मानसिकता बिहार को कहीं का नहीं छोड़ेगी.
बड़ौदा बस स्टैंड विश्व स्तर का है पर ऊपर की मंजिलों में दुकानें खोलकर सारी राशि की भरपाई कर ली गई और गुजरात सरकार का एक पैसा भी नहीं लगा. वैसे ही गांधीनगर के पूरे साबरमती फ्रंट का डेवलपमेंट उसी में एक निश्चित भूमि प्राइवेट हाथों में देकर अनेक पार्क सहित पूरे फ्रंट को विकसित करने का कीमत निकाल लिया गया.
पैसे देकर केन्द्र बिहार पर कोई एहसान नहीं कर रहा- जदयू
सोशल मीडिया में यह बयान आने के बाद बिहार सरकार के जदयू कोटे से मंत्री पैसे देकर केन्द्र बिहार पर कोई एहसान नहीं कर रहा- जदयू ने संजय जायसवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि जदयू के काम काज पर उंगली उठाने का भाजपा को कोई अधिकार नहीं है. सभी काम का लेखा-जोखा है, जहां तक पैसे देने की बात है यह कोई बिहार पर उपकार नहीं है. खुद नीति आयोग की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि बिहार को मदद की जरुरत है. प्रधानमंत्री से हमारी मांग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से मदद की मांग करे- अजय निषाद
विवाद के बीच भाजपा सासंद अजय निषाद ने भी नीतीश कुमार नसीहत देने के अंदाज में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब भी प्रधानमंत्री से कुछ मांग की उसे दिया गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विवाद में पड़ने की बजाय बिहार के विकास पर ध्यान देने की जरुरत है. जब विकास होगा तब ही रोजगार का सृजन भी होगा. यदि मुख्यमंत्री को आज भी कुछ जरुरत है तो प्रधानमंत्री से इसकी मांग करनी चाहिए, जब तक मांग ही नहीं की जाएगी, तब तक कुछ भी दिया नहीं जा सकता.
बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस का विरोध करने वालों का डीएनए बिहारी नहीं हो सकता, ऐसे नेता छोड़ दे बिहार
इस बीच हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि स्पेशल स्टेटस का विरोध करने वालों पर वार करते हुए कहा कि विरोध करने वालों का डीएनए बिहारी नहीं हो सकता. ऐसे कार्यकर्ता और नेता जो बिहार के स्पेशल स्टेटस का विरोध कर रहे हैं उन्हे बिहार छोड़ देना चाहिए.
संजय जायसवाल आप ज्ञानी है, कुछ साधारण बातों की तो समझ होगी- जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा
विवाद बढ़ने पर जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने भी संजय जायसवाल की क्लास लगा दी और अपने सोशल मीडिया एकांउट पर लिखा कि संजय जायसवाल जी, आप ज्ञानी हैं, हम उम्मीद करते हैं कि कुछ साधारण बातें भी आप जरुर समझते होंगे. आप आर्थिक सर्वेक्षण को ठीक से पढ़ें. नीतीश कुमार के प्रयास से विश्वव्यापी कोरोना महासंकट के बावजूद बिहार का प्रति व्यक्ति आय लगभग 1221 रुपए सालाना बढ़ा है. बिहार में नल जल योजना को 2016 से ही लागू किया गया, जबकि केंद्र की सरकार ने इसकी शुरुआत 2019 में की. अब जब 90% कार्य बिहार सरकार ने अपने मद्द से पूरा कर लिया तो इस मद के लिए केंद्र की सरकार से मिले 6000 करोड़ रुपए लेने का कोई औचित्य नहीं बनता.
अभिषेक झा ने आगे बढ़कर यह भी कहा कि हर घर बिजली का काम बिहार में 2015 में शुरु किया गया, जबकि केन्द्र की ओर से इसकी शुरुआत 2017 में की गयी. बिहार एक कंज्यूमर स्टेट है और खरीदारी का सूचकांक बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि बिहार आगे बढ़ रहा है. खरीददारी का सूचकांक बढ़ा है और इसलिए जीएसटी क़ा हिस्सा बढ़ा है.
बिहार के मॉडल को तो पूरे देश में अपनाया जाता है, नीतीश कुमार जी की कार्यशैली और साख बताने के लिए यह काफी है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा तो बिहार औद्योगिक प्रदेश के रुप में उभरेगा. आज बिहार में मानव संसाधन सस्ता है, लेकिन जो रॉ मैटेरियल्स बाहर से आता है, वह महंगा होता है और यही कारण है कि बिहार में उद्योग नहीं लग पाता. विशेष राज्य का दर्जा मिलने से उद्योग लगाने वाले लोगों को इनकम टैक्स में भी छूट मिलेगी और तब बिहार की तरफ उनका रुझान बढ़ेगा.
अभिषेक झा ने भाजपा और संजय जायसवाल पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दिनों पूर्व तक आप लोगों ने इस मांग का समर्थन किया और अब इसके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, आप बिहार के आम जनमानस की भावना को ठेस पहुंचा रहे हैं. जहां तक राशि खर्च करने की बात है तो आपने अपनी सांसद निधि से कितना खर्च किया, क्या इसकी जानकारी सार्वजनिक करूं?
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