Tuesday, August 12, 2025

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गंगा में लाखों की आबादी की सुरक्षा का बांध का 80 फीसदी तक हिस्सा ध्वस्त, लोगों में डर का माहौल

भागलपुर/मोकामा : भागलपुर जिले के नवगछिया के गोपालपुर में गंगा ने सोमवार की देर शाम जबरदस्त तबाही मचाई है। लाखों की आबादी की सुरक्षा का बांध का 80 प्रतिशत तक हिस्सा ध्वस्त हो गया है। जिस बांध पर हर वर्ष करोड़ों खर्च किए गए वह बांध लगातार दूसरे साल ध्वस्त हुआ है। हालात पूरी तरह भयावह है। बांध पर बने कई फूस के घर गंगा में समा गए। यहां पर रह रहे हजारों की आबादी पलायन कर रही है। बाढ़ को देखते हुए अधिकारियों के द्वारा पीड़ितों का घर खाली कराया जा रहा है।

बांध टूटते ही अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं

फिलहाल, बांध टूटते ही अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं। क्योंकि यह बांध पूरी तरह टूटता है तो फिर से एक बार लाखों की आबादी प्रभावित होगी। गोपालपुर प्रखंड और रंगरा प्रखंड का बड़ा भूभाग प्रभावित होगा, करोड़ों का नुकसान होगा। पिछले साल इस बांध का के स्पर संख्या-7 और आठ के बीच का हिस्सा ध्वस्त हुआ था। इस बार आठ से नौ के बीच का हिस्सा ध्वस्त हुआ है। पिछले वर्ष ध्वस्त हुए हिस्से को इस वर्ष 38 करोड़ रुपए की लागत से दुरुस्त कराया गया था।

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‘हर वर्ष इस बांध पर करोड़ों फूंके जाते हैं, सवाल है कि आखिर वह पैसे कहां चले जाते हैं’

आपको बता दें कि हर वर्ष इस बांध पर करोड़ों फूंके जाते हैं लेकिन सवाल है कि आखिर वह पैसे कहां चले जाते हैं। अब अगर बांध टूटा है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी, जवाबदेही तय होनी चाहिए। जल संसाधन विभाग को लूट का अड्डा बताया जाता है। कल भी गोपालपुर विधानसभा के ही विधायक गोपाल मंडल ने कहा था कि जल संसाधन विभाग लूटती है, आज उदाहरण सामने है।

जहां चलती थी गाड़ी वहां चल रही नाव, तिलकामांझी विश्वविद्यालय में बाढ़ का पानी घुसने से शैक्षणिक व्यवस्था ठप

भागलपुर में बाढ़ से हालात बेहाल है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। ऐसे में निचले इलाकों के बाद अब शहरी क्षेत्र में भी गंगा ने तबाही मचा दी है। भागलपुर के तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया है। जिससे प्रशासनिक भवन सीनेट हॉल में बाढ़ का पानी कमर भर गया। ऐसे में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था तो ठप है। लेकिन कर्मचारियों को जद्दोजहद कर नाव के सहारे विश्वविद्यालय पहुंचना पड़ रहा है। छात्र भी माइग्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य काम को लेकर नाव के सारे विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बाढ़ को देखते हुए चार छोटे नाव की व्यवस्था की है।

हर साल यहां बाढ़ आता है और हमें नाव की मदद से विश्वविद्यालय पहुंचना पड़ता है – कर्मचारी

कर्मचारियों का कहना है कि हर साल यहां बाढ़ आता है और हमें नाव की मदद से विश्वविद्यालय पहुंचना पड़ता है। मन में डर भी काफी रहता है। क्योंकि इस पानी में जहरीले जीव जंतु भी है। ऐसे में जान का खतरा भी बना रहता है। लेकिन काम रुकना नहीं चाहिए। इस वजह से हम लोग परेशानियों के बीच भी पहुंच रहे हैं। बिहार सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और अस्थाई तौर पर इसका निदान निकालना जरूरी है।

नवगछिया में जबरदस्त तबाही, बांध का 350 मीटर का हिस्सा क्षतिग्रस्त

गोपालपुर के इस्माइलपुर बिंदटोली रिंग बांध का बड़ा हिस्सा कल शाम ध्वस्त हुआ था। इसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे। 30 से ज्यादा मकान कटकर गंगा में समा गए थे। लगातार जिलाधिकारी रात से ही निरीक्षण कर रहे थे। बांध को रिस्टोर करने का कार्य लगातार जारी है। जेसीबी से मिट्टी स्लोप बनाकर कार्य हो रहा है। वहीं जियो बैग और पेड़ काटकर पानी मे डाले जा रहे हैं।

मंत्री संतोष सिंह व DM नवल किशोर चौधरी ने बाढ़ क्षेत्रों का लिया जायजा

बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सिंह और जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को पूरी तरह से मजबूती से कार्य करने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी ने एनडीआरएफ की बोट से कटाव स्थल का जायजा लिया है। बांध पर हजारों की आबादी थी जिसे ऊंचे स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा है। पीड़ितों के लिए कम्युनिटी किचन के इंतजाम किए गए हैं। बांध को फिलवक्त दुरुस्त कर लिया गया है।

मंत्री संतोष सिंह व DM नवल किशोर चौधरी ने बाढ़ क्षेत्रों का लिया जायजा

बांध को सुरक्षित किया गया है – DM

जिलाधिकारी ने बताया कि बांध को सुरक्षित किया गया है। विभाग के अधिकारी इसकी जांच करेंगे कि कैसे टूटा है। पानी स्थिर है। फिलहाल बचा लिया गया है। तेजी से कार्य जारी है। लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। लाखों की आबादी प्रभवित हुई है। बता दें कि अगर यह बांध पूरी तरह से टूट जाता तो लाखों की आबादी प्रभावित होती है। गोपालपुर और रंगरा प्रखंड का बड़ा भूभाग जलमग्न होता है।

नदियों में आयी उफान से घोसवरी प्रखंड में मच गया कोहराम

मोकामा टाल क्षेत्र की नदियों में आयी उफान से घोसवरी प्रखंड में कोहराम मच गया है। इस प्रखंड की त्रिमुहान पंचायत का गोरियारी गांव बाढ़ से घिर गया है। गांव किनारे के सभी घरों में बाढ़ का पानी घुस कर लोगों की जिंदगी पानी-पानी कर रहा है। लगभग सौ घरों की संख्या वाले इस गांव में हर तरफ त्राहिमाम मची हुई है। गांव जाने के सभी मार्गों पर पांच फीट पानी बह रहा है।

नदियों में आयी उफान से घोसवरी प्रखंड में मच गया कोहराम

लोगों में सरकारी सुविधा नहीं मिलने से भारी नाराजगी देखी जा रही है

आपको बता दें कि दूसरी ओर मोकामा टाल क्षेत्र भी नदियों के उफान से डूब गया है। बाढ़ से भदई फसल भी डूब गआ है। कुम्हरा पंचायत का सहरी गांव भी बाढ़ से जूझ रहा है। प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ प्रभावित गांवों में नाव मुहैया कराया गया है। लोगों में सरकारी सुविधा नहीं मिलने से भारी नाराजगी देखी जा रही है।

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राजीव ठाकुर और विकाश कुमार की रिपोर्ट

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