Tuesday, August 19, 2025

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झारखंड के 444 बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू, रांची में 19 घाटों का टेंडर होगा जारी

रांची: झारखंड के सभी जिलों में 444 बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। खान एवं भूतत्व विभाग ने इसके लिए सभी जिलों को मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट भेज दिया है। निर्देश दिया गया है कि इसके आधार पर जिलों में ई-ऑक्शन की प्रक्रिया पूरी करायी जाये। रांची जिले में भी तैयारी शुरू हो गई है। यहां कुल 19 घाटों का टेंडर किया जाना है। जिला प्रशासन ने सितंबर के पहले सप्ताह तक टेंडर निकालने की तैयारी कर ली है।

गौरतलब है कि बालू घाटों का संचालन अधिकार 15 अगस्त तक झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) के पास था। इसके बाद निगम का कार्यकाल बढ़ाया नहीं गया और अब सभी घाटों का स्वामित्व खान एवं भूतत्व विभाग के पास आ गया है।

रिजर्व प्राइस के आधार पर फीस और बोली की शर्तें

मॉडल टेंडर डॉक्यूमेंट के अनुसार, बोली लगाने वालों को रिजर्व प्राइस के अनुरूप प्रोसेसिंग फीस जमा करनी होगी। उदाहरण के तौर पर 70 लाख रुपये तक के घाटों के लिए 600 रुपये फीस, 70 लाख से तीन करोड़ रुपये तक के घाटों के लिए 3600 रुपये और तीन करोड़ रुपये से ऊपर के घाटों के लिए 6000 रुपये प्रोसेसिंग फीस ऑनलाइन देनी होगी।
बोली में भाग लेने के लिए न्यूनतम दर का 10 प्रतिशत राशि इएमडी (Earnest Money Deposit) के रूप में जमा करना अनिवार्य होगा। सबसे अधिक बोली लगाने वाले को ही घाट की बंदोबस्ती दी जाएगी। यदि कोई सफल बोलीदाता घाट संचालन से इनकार करता है तो उसकी राशि जब्त कर ली जाएगी।

डीएमएफटी और अन्य शुल्कों का भुगतान अनिवार्य

बालू खनन के लिए सफल बोलीदाता को कुल बोली राशि का 10 प्रतिशत जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) के खाते में जमा करना होगा। इसके अलावा रॉयल्टी, जीएसटी और अन्य शुल्क जिला खनन कार्यालय में जमा करने होंगे। भुगतान तीन किस्तों में होगा— पहली किस्त (50%) बोली लगने के बाद, दूसरी (25%) 15 अक्टूबर तक और तीसरी (25%) 15 जनवरी तक। निर्धारित समय पर भुगतान नहीं होने पर ई-चालान जेनरेट होना बंद हो जाएगा।

खनन के नियम और शर्तें

खनन पट्टाधारी को पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से मिली स्वीकृतियों का पालन करना होगा। खनन की अधिकतम गहराई तीन मीटर तक ही होगी या फिर जब तक नदी का तल न दिख जाए। बालू का परिवहन केवल सरकार द्वारा जारी ई-चालान से ही किया जा सकेगा। साथ ही, सभी खनन पट्टाधारी को मासिक प्रगति रिपोर्ट जिम्स पोर्टल पर ऑनलाइन जमा करनी होगी। अगले वर्ष खनन की अनुमति नवीनीकरण के लिए आवेदन करना भी अनिवार्य होगा।

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