Ranchi- झारखंड में जारी भाषा विवाद के बीच बाबूलाल मरांडी की सरकार में उर्जा मंत्री रहे लालचंद महतो ने हेमंत सरकार पर जोरदार हमला बोला है. लालचंद महतो ने कहा है कि एक साजिश के तहत हेमंत सोरेन भाषा विवाद...
Ranchi- झारखंड में जारी भाषा विवाद के बीच बाबूलाल मरांडी की सरकार में उर्जा मंत्री रहे लालचंद महतो ने हेमंत सरकार पर जोरदार हमला बोला है.
लालचंद महतो ने कहा है कि एक साजिश के तहत हेमंत सोरेन भाषा विवाद को जन्म दे रहे हैं. सरकार की कोशिश झारखंड के मूल विषयों से लोगों का ध्यान भटकाने की है. हेमंत सोरेन को यह बताना चाहिए कि बोकारो-धनबाद के किस हिस्से में भोजपुरी, मगही बोली जाती है. भोजपुरी,मगही और अंगिका सिर्फ मुठ्ठी पर सरकारी कॉलनियों में बोली जानी वाली भाषा है. धनबाद बोकारो के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में इस भाषा का कोई वजूद ही नहीं है.
लालचंद महतो ने कहा कि हमारा विरोध किसी भी भाषा को लेकर नहीं है. लेकिन हर राज्य की अपनी एक भाषा होती है, यह हक झारखंड का भी है. किसी भी बाहरी भाषा थोपने पर हमारी सभ्यता और संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी. उसका वजूद सिमट जाएगा. हम किसी भी कीमत पर इसका विरोध करेंगे. लोग यहां रोजगार करें, व्यवसाय करें, लेकिन उन्हे कोई हक नहीं है कि अपनी भाषा और संस्कृति हम पर थोपे.
भोजपुरी-मगही भाषा भाषियों के द्वारा अलग राज्य की मांग पर कहा कि इस विवाद को हवा देने की कोशिश की जा रही है, भोजपुरी मगही का कहीं कोई वजूद है तोसिर्फ पलामू गढ़वा जिले में है, यदि इन भाषा के आधार पर इन जिलों को बिहार में मिलाया जाता है तो बिहार के मुंगरे सहित कई दूसरे जिलों में खोरठा सहित दूसरी झारखंडी भाषाएं बोली जाती है, इनको भी झारखंड में शामिल करनी चाहिए
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