रांची. झारखंड के सरकारी विद्यालयों की खराब दुर्दशा और शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर सोशल एक्टिविस्ट पंकज यादव की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राजीव कुमार ने कोर्ट से आग्रह किया कि राज्य सरकार के सरकारी अधिकारी अपने बच्चे को सरकारी विद्यालय में पढ़ाए।
सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा :
उन्होंने कहा कि अगर सरकारी अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएंगे तो अपने आप सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा ठीक हो जाएगी। उन्होंने इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सरकारी अधिकारियों के बच्चे को सरकारी विद्यालय में पढ़ाने की आग्रह कोर्ट से की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य के 50 फीसदी सरकारी विद्यालयों की स्थिति बहुत खराब है। विद्यालय के भवन जर्जर अवस्था में है और शिक्षकों की भी भारी कमी है।
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