GST Reform 2025: नई दिल्ली: देश में टैक्स व्यवस्था की तस्वीर बदलने जा रही है। 22 सितंबर से वस्तु एवं सेवा कर (GST) का नया ढांचा लागू होगा, जिसे 2017 में लागू हुए जीएसटी के बाद अब तक का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। तीन सितंबर को हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। अब केवल दो स्लैब रहेंगे—5% और 18%। वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% तक टैक्स लगेगा। सरकार ने Compensation Cess को भी पूरी तरह खत्म कर दिया है।
GST Reform 2025:
सरकार का दावा है कि इन सुधारों से न सिर्फ महंगाई पर लगाम लगेगी, बल्कि उपभोक्ताओं की जेब में करीब ₹2 लाख करोड़ रुपये बचेंगे। त्योहारों के सीजन में यह कदम बाजार में मांग बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
त्योहारों से पहले लागू हो रहा यह सुधार बाजार में नई ऊर्जा भरने की उम्मीद जगा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, उपभोक्ताओं की जेब में अतिरिक्त पैसे बचने से त्योहारों की खरीदारी को गति मिलेगी और ग्रामीण-शहरी दोनों बाजारों में खपत बढ़ेगी।
GST Reform 2025:
कुल मिलाकर, 22 सितंबर से लागू हो रहे GST के इस नए ढांचे को आम आदमी की जेब और देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार के मुताबिक, इससे जहां महंगाई में राहत मिलेगी, वहीं उपभोक्ता खर्च में भी नया उत्साह देखने को मिलेगा।
Key Highlights
22 सितंबर से देश में लागू होगा नया GST System, सिर्फ दो टैक्स स्लैब 5% और 18%
लग्जरी व सिन गुड्स पर रहेगा 40% Tax, Compensation Cess खत्म
बीमा, रोटी, पनीर, साबुन, शैम्पू समेत रोजमर्रा की चीजें होंगी सस्ती
कंपनियों ने पहले ही दाम घटाए, AC, डिशवॉशर और कार पर बड़ी राहत
उपभोक्ता अब 17 भाषाओं में NCH हेल्पलाइन के जरिये GST Complaint दर्ज कर सकेंगे
सुधार से उपभोक्ताओं की जेब में ₹2 लाख करोड़ की बचत, महंगाई पर काबू
इस सुधार का असर केवल जेब तक ही सीमित नहीं है। उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) को जीएसटी से जुड़ी शिकायतों के लिए सक्षम बना दिया है। अब ग्राहक Ingram Portal या टोल-फ्री नंबर 1915 पर 17 भाषाओं में अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। इसके अलावा WhatsApp, Email, NCH App और Umang App जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध रहेंगे।
GST Reform 2025:
क्रिसिल की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में प्रतिव्यक्ति मासिक खर्च में 28% तक की कमी आएगी, जबकि शहरी इलाकों में यह घटकर 26% तक पहुंच जाएगा। सीधी भाषा में कहें तो हर ₹100 के खर्च पर लोगों को औसतन ₹27 की बचत होगी। आंकड़ों के हिसाब से, एक ग्रामीण सालाना करीब ₹1,154 और एक शहरी ₹1,819 बचा पाएगा। हालांकि, इस पूरे असर को सामने आने में करीब एक साल लग सकता है।
नए स्लैब का असर आम आदमी की रसोई से लेकर बड़ी कंपनियों तक दिखाई देगा।
- बीमा हुआ टैक्स-फ्री – जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर अब कोई जीएसटी नहीं।
- खाद्य वस्तुओं में राहत – रोटी, पराठा, पनीर, मक्खन, घी, सूखे मेवे, बिस्किट और जूस पर टैक्स अब सिर्फ 0–5%।
- डेली यूज प्रोडक्ट सस्ते – टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, तेल और पाउडर पर टैक्स घटकर 5%।
- इलेक्ट्रॉनिक्स व वाहन – टीवी, एसी, डिशवॉशर, छोटी कारें और बाइक अब 28% से घटकर 18% पर।
- सीमेंट और शिक्षा सामग्री – सीमेंट की दर घटकर 18% और कॉपी, मैप्स, शार्पनर जैसे स्कूल आइटम पर अब टैक्स शून्य।
- 40% टैक्स स्लैब – तंबाकू, सिगरेट, लग्जरी कार, यॉट, प्राइवेट जेट और मीठे पेय अब भी भारी टैक्स के दायरे में रहेंगे।
नए टैक्स सिस्टम के असर की तैयारी कंपनियों ने शुरू कर दी है। पी एंड जी, एचयूएल और इमामी जैसी FMCG दिग्गज कंपनियों ने साबुन, शैम्पू, डायपर और कॉफी के दाम घटा दिए हैं। टायर बनाने वाली अपोलो कंपनी ने ₹300 से ₹2,000 तक की कटौती की है। वहीं, वोल्टास, डाइकिन, गोदरेज, हायर और एलजी जैसी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों ने AC और डिशवॉशर पर ₹12,000 तक का डिस्काउंट देने का एलान किया है। ITC ने भी अपने कई खाद्य उत्पाद सस्ते कर दिए हैं।
GST Reform 2025:
इन सुधारों का सबसे बड़ा फायदा मध्यम वर्ग को मिलेगा। कपड़े, फुटवियर, टू-व्हीलर और बीमा प्रीमियम जैसे उत्पाद सस्ते होने से उनकी आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सीपीआई बास्केट में 20% वस्तुओं पर टैक्स दर घटने से मुद्रास्फीति पर भी नियंत्रण संभव होगा।
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