गोपालगंज : दुर्गा पूजा का पर्व आज यानी 22 सितंबर से शुरू हो गया है। आज शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। इस पावन अवसर पर हम मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप, मां शैलपुत्री की आराधना कर रहे हैं। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। इन्हें पार्वती का अवतार भी माना जाता है। इनका वाहन वृषभ है, और इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प है। मां शैलपुत्री को सफेद बर्फी अति प्रिय है। आज के दिन, भक्तगण उन्हें सफेद बर्फी का भोग लगाते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। शारदीय नवरात्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देशवासियों को बधाई दी है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार- मां शैलपुत्री का जन्म राजा दक्ष के यज्ञ में हुआ था
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां शैलपुत्री का जन्म राजा दक्ष के यज्ञ में हुआ था। जब भगवान शिव का अपमान हुआ, तो उन्होंने यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। अगले जन्म में, उन्होंने हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया और भगवान शिव से विवाह किया। आज के दिन, मां शैलपुत्री की आरती का विशेष महत्व है। इस आरती में, भक्तगण मां की स्तुति करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। मां शैलपुत्री शक्ति, साहस और दृढ़ता का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। आज नवरात्रि के पहले दिन, मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सभी मां शैलपुत्री की कृपा पाने के लिए आतुर हैं।
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शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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