पटना : भारतीय रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav), पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Rabri Devi), बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और बाकी के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर राउज एवेन्यु कोर्ट 13 अक्टूबर को आदेश सुनाएगा। कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उस दिन पेश होने को कहा है।
CBI ने चार्जशीट में लालू, राबड़ी व तेजस्वी सहित कई अन्य को आरोपी बनाया है
आपको बता दें कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने चार्जशीट में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित कई अन्य को आरोपी बनाया है। रेलवे में आईआरसीटीसी के दो होटलों बीएनआर होटल रांची और पुरी के टेंडर में हुए भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट आरोप तय करने पर फैसला सुनाएगा। कोर्ट ये तय करेगा कि चार्जशीट में बताए गए आरोपों में से कौन-कौन से आरोप आगे मुकदमे का आधार बनेंगे और कौन-कौन से आरोप मुकदमे से बाहर कर दिए जाएंगे।
मामला क्या है?
दरअसल, यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी के दो होटल के रखरखाव का कांट्रेक्ट एक फर्म को देने में की गई कथित गड़बड़ी से जुड़ा है। यह पूरा मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। लालू पर आरोप है कि आईआरसीटीसी के दो होटलों, बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी के रखरखाव का ठेका विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली एक निजी फर्म सुजाता होटल को दिया गया था।
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इस सौदे के बदले में लालू यादव को 3 एकड़ की बेशकीमती बेनामी जमीन मिली – CBI
वहीं सीबीआई ने आरोप लगाया कि इस सौदे के बदले में लालू यादव को तीन एकड़ की बेशकीमती बेनामी जमीन मिली। इस मामले में लालू यादव के खिलाफ सीबीआई ने सात जुलाई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद एजेंसी ने कई स्थानों पर छापेमारी भी की। सीबीआई ने इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और करप्शन के आरोप लगाए हैं। वहीं, तीनो की ओर से दलील दी गई है कि सीबीआई के पास इस केस में मुकदमा चलाने के लिए सबूत नहीं है।
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