रांची में आदिवासी बचाओ मोर्चा ने बैठक कर 17 अक्टूबर को आदिवासी हुंकार महारैली की घोषणा की। कुड़मी समुदाय को ST दर्जा देने की मांग का किया विरोध।
Ranchi News रांची: कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के खिलाफ आदिवासी बचाओ मोर्चा ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को सिरमटोली सरना स्थल में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि इस मांग का विरोध करते हुए 17 अक्टूबर को रांची में ‘आदिवासी हुंकार महारैली’ का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि कुड़मी समुदाय का आंदोलन और एसटी दर्जे की मांग आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकार, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, आरक्षण, जमीन और गौरवशाली संघर्षशील इतिहास को हड़पने की मंशा से प्रेरित है। यह एक बड़ी साजिश है जो मूल आदिवासियों को हाशिये पर धकेलने का प्रयास करती है।
Key Highlights
सिरमटोली सरना स्थल में आदिवासी बचाओ मोर्चा की बैठक आयोजित।
17 अक्टूबर को रांची में आदिवासी हुंकार महारैली करने का निर्णय।
कुड़मी समुदाय की ST दर्जे की मांग को आदिवासियों ने बताया षड्यंत्र।
महारैली की तैयारी के लिए राज्यभर में जनसंपर्क अभियान और सभाएं होंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।
बैठक में गीताश्री उरांव, देवकुमार धान, लक्ष्मी नारायण मुंडा समेत कई नेता उपस्थित।
Ranchi News: महारैली की तैयारी
बैठक में निर्णय लिया गया कि महारैली को सफल बनाने के लिए राज्यभर के आदिवासी समुदायों और संगठनों से संपर्क स्थापित किया जाएगा। इसके लिए जनसंपर्क अभियान, आमसभाएं और बैठकें की जाएंगी।
साथ ही सभी आदिवासी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जोड़कर एक तैयारी समिति बनाने का फैसला लिया गया।
Ranchi News: राष्ट्रपति से मुलाकात
आदिवासी बचाओ मोर्चा की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेगा और इस मुद्दे पर विस्तार से अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा।
Ranchi News: ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर विरोध
बैठक में कहा गया कि कुड़मी समुदाय की मांग का विरोध ऐतिहासिक तथ्यों, लोकुर कमेटी की सिफारिशों, मानवशास्त्रियों के अध्ययन, पुरातत्वीय साक्ष्यों, पॉपुलेशन जेनेटिक और डीएनए स्टडी के आधार पर किया जाएगा।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग
इस बैठक में गीताश्री उरांव, देवकुमार धान, लक्ष्मी नारायण मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, अनिल कुमार टुडू सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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