Desk. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का ऐलान मोदी सरकार ने 16 जनवरी 2025 को किया था। इससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी राहत मिली थी। लेकिन अब सितंबर 2025 खत्म होने को है, और अब तक न तो आयोग का औपचारिक नोटिफिकेशन जारी हुआ है और न ही Terms of Reference (ToR) या पैनल के सदस्यों की नियुक्ति हुई है।
क्या 2028 तक करना पड़ेगा इंतजार?
जानकारों का कहना है कि अगर पिछली बार के पे कमीशन टाइमलाइन को देखा जाए, तो रिपोर्ट तैयार होने और सरकार द्वारा मंजूरी मिलने में औसतन 2 से 3 साल का समय लगता है। ऐसे में अगर 8th Pay Commission की प्रक्रिया अब शुरू होती है, तो इसकी रिपोर्ट 2027 तक आ सकती है और इंप्लीमेंटेशन का काम 2028 तक खिंच सकता है।
8वें वेतन आयोग की वर्तमान स्थिति
जनवरी 2025 में 8th Pay Commission की घोषणा के बावजूद अब तक कोई औपचारिक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। न ToR जारी हुआ है और न ही सदस्यों की नियुक्ति हुई है। अगर यही देरी जारी रही तो आयोग की रिपोर्ट आने में 2027 तक का वक्त लग सकता है। इसके बाद सरकार द्वारा उस पर विचार और मंजूरी देने की प्रक्रिया में और समय लगेगा।
क्या मिलेगा रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट?
हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार भी वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से रेट्रोस्पेक्टिव इफेक्ट के साथ लागू की जा सकती हैं। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों को बकाया (arrears) का लाभ मिलेगा, भले ही आयोग की सिफारिशें 2028 में लागू हों।
क्यों जरूरी है 8th Pay Commission?
8th वेतन आयोग सिर्फ सैलरी बढ़ाने तक सीमित नहीं होता। इससे महंगाई भत्ता (DA), पेंशन, भत्ते (allowances) और कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा (financial security) पर भी बड़ा असर पड़ता है। 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इसकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। लगातार बढ़ती महंगाई के बीच ये वेतन आयोग उनके लिए राहत लेकर आ सकता है।
एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि 7th Pay Commission जैसा पैटर्न रहा, तो कर्मचारियों को 2028 तक का इंतजार करना पड़ सकता है। इसलिए वेतन आयोग के गठन और कार्य शुरू करने की प्रक्रिया में जल्दबाजी जरूरी है।
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