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कभी बंग्लादेशी धुसपैठ के खिलाफ उग्र तेवर थे लालू यादव के,लगाम लगाने के लिये चाहते थे ऐसा कानून
पटना : बिहार चुनाव में घुसपैठ एक अहम मुद्दा बताया जा रहा है। इसको लेकर एनडीए ने सदा से मुखर रही है। यहां तक की लालकिले के प्राचीर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर चिंता जताई थी। एनडीए की सभाओं और बैठकों में घुसपैठिया भगाओं देश बचाओं का नारा भी लगा था। जबकि कांग्रेस और महागठबंधन के नेता इसके पक्ष में रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि भाजपा केवल चुनावी फायदे के लिए ये मुद्दा उठाती है।
लालू यादव भी चाहते पर धुसपैठ पर रोक, चाहते थे कार्रवाई
बिहार के सीमांचल से घुसपैठ का मुद्दा उठ रहा है। आरजेडी इसका विरोध कर रही है उसका कहना है कि भाजपा वोटर लिस्ट से लोगों का नाम कटवाना चाहती है। एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अखबार की कटिंग साझा की है। जिसमें यह खबर छपी है कि राजद अध्यक्ष लालू यादव कभी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई चाहते थे।
लालू ने की थी कानून बना कर रोक लगाने की मांग
पत्रकार ने 28 सिंतबर 1992 की एक अखबार की कटिंग साझा की है। जिसमें लालू यादव का बयान छपा है। लालू तब बिहार के मुख्यमंत्री थे। बंग्लादेशी घुसपैठ रोकने के लिए मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में लालू यादव ने अवैध घुसपैठ पर कारगर उपाय करने और अवैध धुसपैठियों द्वारा अचल संपत्ति खरीदने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
राशन कार्ड देते समय पूरी सतर्कता बरतने की सलाह
लालू यादव ने तब राशन कार्ड के मुद्दे को भी उठाया था। उन्होंने कहा था कि गैर भारतीयों को राशन कार्य देते सम पूरी सतर्कता बरती जानी चाहिए ताकि अवैध घुसपैठिए इसका लाभ न उठा पाए। वोटर लिस्ट बनाने में भी सतर्कता बरतने को कहा था। लालू यादव ने इस मुददे पर केन्द्रीय एजेंसियों के सहयोग से कारगर कदम उठाने की बात कही थी। उन्होंने उस दौरान केंद्र से राजनीतिक स्तर पर भी बातचीत करने की सिफारिश की थी और कहा था कि अगर कार्रवाई की जाती है तो अधिक कारगर साबित होगी।
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