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पटना : बिहार में राजनीति का माहौल धीरे-धीरे चुनावी रंग रंगने लगा है। विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) करीब आते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी क्रम में जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी एक्टिव हो गई है और उम्मीदवारों के चयन की अंतिम प्रक्रिया की दिशा में काम कर रही है। मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इस सिलसिले में बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में पूरे प्रदेश से संभावित उम्मीदवार मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं, जहां उनसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की जा रही है।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
इस मुलाकात का मुख्य मकसद आगामी चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तय करना और उम्मीदवारों का चयन प्रक्रिया को गति देना है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आवेदकों के शैक्षणिक योग्यता, राजनीतिक अनुभव, सामाजिक कार्य और क्षेत्रीय स्वीकार्यता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। उम्मीदवार अपने साथ बायोडाटा और जरूरी दस्तावेज लेकर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे हैं।
CM नीतीश से मुलाकात की प्रक्रिया
सूत्रों ने बताया कि उम्मीदवारों को तय समय पर बुलाया गया ताकि भीड़भाड़ और अव्यवस्था से बचा जा सके। नीतीश कुमार बारी-बारी से सभी संभावित उम्मीदवारों से व्यक्तिगत बातचीत कर उनके कार्यक्षेत्र, अनुभव, लोकप्रियता और पार्टी के प्रति निष्ठा का मूल्यांकन कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रक्रिया से उम्मीदवारों की ताकत और कमजोरियों को भी समझना पार्टी के लिए आसान होगा।
चुनावी रणनीति पर चर्चा
बैठक केवल व्यक्तिगत मुलाकात तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पार्टी की चुनावी रणनीति पर भी चर्चा की जा रही है। जेडीयू चाहती है कि आगामी चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के दौरान क्षेत्रीय संतुलन, जातीय समीकरण और सामाजिक विविधता को ध्यान में रखा जाए। पार्टी जानती है कि बिहार जैसे राज्य में जातीय संतुलन चुनावी राजनीति का अहम हिस्सा होता है, इसलिए यह बैठक इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
इस बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी
इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, मंत्री संजय कुमार झा, नेता गुलाम रसूल बलियावी और जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन समेत दर्जनों प्रमुख नेताओं की उपस्थिति ने बैठक को और भी अहम बना दिया है। यह टीम मिलकर उम्मीदवारों के चयन और टिकट वितरण की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी।
सुरक्षा और संगठनात्मक व्यवस्था
चूंकि यह मुलाकात राजनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण है, इसलिए मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा बलों के पास उन सभी उम्मीदवारों और नेताओं की सूची है जिन्हें आमंत्रित किया गया है। इस कदम से यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल बुलाए गए लोग ही बैठक में शामिल हो सकें और कोई अनावश्यक भीड़ या बाधा न उत्पन्न हो।
पारदर्शी प्रक्रिया का संकेत
जदयू सूत्रों का कहना है कि यह मुलाकात पार्टी की उम्मीदवार चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का प्रयास है। उम्मीदवारों को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर उनसे बातचीत करना बताता है कि पार्टी किसी भी तरह के बाहरी दबाव या सिफारिश से बचते हुए उम्मीदवारों का चयन करना चाहती है। यही कारण है कि हर उम्मीदवार से निजी बातचीत के दौरान उसके राजनीतिक और सामाजिक योगदान का बारीकी से आकलन किया जा रहा है।
चुनावी समीकरण और महत्व
आगामी विधानसभा चुनाव जदयू के लिए बेहद अहम हैं। मौजूदा परिस्थिति में पार्टी को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए व्यापक रणनीति बनानी होगी। नीतीश कुमार की यह बैठक इसी दिशा में एक प्रारंभिक लेकिन ठोस कदम है। इसे इस रूप में भी देखा जा रहा है कि उम्मीदवारों से बातचीत के बाद यह तय करना आसान हो जाएगा कि किसे टिकट दिया जाए और किसे नहीं।
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उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया
पार्टी की ओर से जब से आमंत्रण भेजा गया, संभावित उम्मीदवारों में उत्साह देखने को मिला। सभी अपने बायोडाटा और क्षेत्रीय कार्यों की सूची लेकर पहुंचे हैं। इस प्रक्रिया से उन्हें भी यह भरोसा मिला है कि पार्टी स्तर पर चयन निष्पक्ष तरीके से होगा। जिन उम्मीदवारों के पास मजबूत जनाधार और अनुभव है, उन्हें स्वाभाविक रूप से प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री की संभावित उम्मीदवारों से यह मुलाकात चुनाव में JDU की तैयारी का अहम हिस्सा मानी जा रही है
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की संभावित उम्मीदवारों से यह मुलाकात आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू की तैयारी का अहम हिस्सा मानी जा रही है। उम्मीदवारों का बारीकी से मूल्यांकन, उनकी लोकप्रियता की जांच और चुनावी रणनीति पर चर्चा पार्टी को मजबूत दिशा देगी। पार्टी का यह कदम साफ इशारा करता है कि जदयू पहले से ही चुनावी मोर्चे पर पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर चुकी है। बैठक के बाद अगले चरण में उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा ताकि चुनाव से पहले जदयू पूरी स्पष्टता और सशक्त उम्मीदवारों के साथ मैदान में उतर सके।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट