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Sunday, October 5, 2025

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बिहार चुनाव 2025 : मुख्य चुनाव आयुक्त ने भोजपुरी और मैथिली में जताया मतदाताओं का आभार, कहा – छठ जैसे उत्साह से करें मतदान

बिहार चुनाव 2025 : मुख्य चुनाव आयुक्त ने भोजपुरी और मैथिली में जताया मतदाताओं का आभार, कहा – छठ जैसे उत्साह से करें मतदान

पटना  : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर निर्वाचन आयोग की अहम प्रेस वार्ता आज पटना में आयोजित की   गई। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस दौरान भोजपुरी और मैथिली भाषा में बिहारवासियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि— “बिहार के मतदाताओं ने हमेशा लोकतंत्र को मजबूत किया है। इस बार भी छठ पर्व की भावना और उत्साह के साथ मतदान में भाग लें।”

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बिहार के अधिकारियों और दलों के साथ संवाद

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि आयोग ने बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों, मुख्य सचिव, डीजीपी और संबंधित अधिकारियों से वार्ता की है। चुनाव में शामिल सभी एजेंसियों से भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई थी । 24 जून 2025 से शुरू होकर यह प्रक्रिया तय समय से पहले ही पूरी हो गई । इसमें शामिल करीब 93,000 बीएलओ, एआरओ और अन्य अधिकारियों को भत्ता भी प्रदान किया गया है।

 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की सुविधाएँ

मतदाताओं को मतदान केंद्र पर मोबाइल जमा करने की व्यवस्था रहेगी। पर्चियों पर केंद्र का नाम और क्रम संख्या बड़े अक्षरों में अंकित होगी। सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग होगी। किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इस बार पहली बार उम्मीदवारों की रंगीन फोटो वोटर पर्ची पर छपेगी।

 मतदाता सूची और वोटर कार्ड अपडेट पर जानकारी

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 साल बाद बिहार में मतदाता सूची का शुद्धिकरण कार्य किया गया है। जिनका नाम छूट गया है, वे जिलाधिकारी या राज्य चुनाव आयोग से संपर्क कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि —“अगर किसी को लगता है कि नाम गलत हटाया या जोड़ा गया है, तो आवेदन करें । आवेदन के 15 दिनों के भीतर नया वोटर कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।”

विडीयो देखे : 

 SIR प्रक्रिया पर विवादों का जवाब

पत्रकारों द्वारा SIR (Summary Intensive Revision) को लेकर उठाए गए सवालों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा —“SIR कराना चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा है। इसे मोटिवेटेड बताना या इनकंपिटेंस कहना गलत है। यह सब कुछ लोकप्रतिनिधित्व कानून के तहत किया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि अब तक बिहार के 7 करोड़ 42 लाख मतदाताओं का सहयोग मिला है, इसके लिए आयोग सभी का धन्यवाद करता है।

 बुर्काधारी महिलाओं की पहचान पर जवाब

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा —“संविधान में वर्णित दिशा-निर्देशों के अनुसार बुर्काधारी महिलाओं की पहचान सुनिश्चित की जाएगी।”

 खर्च की निगरानी पर आयोग का रुख

उन्होंने बताया कि चुनाव खर्च की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में अधिकारी नियुक्त किए गए हैं ।
40 लाख रुपये से अधिक खर्च की स्थिति में विशेष निगरानी की जाएगी।

अपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों पर जवाब

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि —“संविधान के अनुच्छेद 326 और संबंधित प्रावधानों के तहत उम्मीदवारों के अपराध रिकॉर्ड का विश्लेषण किया जाता है। योग्य पाए जाने पर ही उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाती है।”

आधार और पहचान पर स्पष्टीकरण

आयोग ने स्पष्ट किया कि —“आधार कार्ड सिर्फ पहचान का प्रमाण है। यह न तो नागरिकता, न उम्र, और न ही आवासीय प्रमाण के रूप में मान्य है।” फिर भी पात्रता के लिए आधार एक सहायक दस्तावेज के रूप में स्वीकार्य है।

मतदान से पहले मॉक पोलिंग और पारदर्शिता

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान से पहले मॉक पोलिंग आवश्यक है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
सभी पार्टियों से अपील की गई कि वे अपने पोलिंग एजेंट बूथों पर अवश्य रखें, ताकि उन्हें फॉर्म 17C की प्रति दी जा सके। उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों ने अब तक 1 लाख 60 हजार बूथ-लेवल एजेंट नियुक्त किए हैं।

 मुजफ्फरपुर मामले पर अधिकारियों को दिया निर्देश

मुजफ्फरपुर के कटेसर गांव में मुस्लिम मतदाताओं के नाम जोड़े जाने के सवाल पर उन्होंने कहा —“इस पर जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। संबंधित अधिकारी इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।”

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