हजारीबाग वन भूमि घोटाले में ACB ने पंचायती राज विभाग के उप निदेशक व पूर्व CO शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया। विनय सिंह की पत्नी से भी पूछताछ होगी।
Hazaribagh Forest Land Scam हजारीबाग: झारखंड के बहुचर्चित वन भूमि घोटाले (Forest Land Scam) में एसीबी (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायती राज विभाग के उप निदेशक और हजारीबाग के तत्कालीन अंचल अधिकारी (CO) शैलेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गैरमजरूआ किस्म की जंगल-झाड़ी भूमि की अवैध जमाबंदी (illegal land settlement) को मंजूरी दी थी।
एसीबी ने शैलेश कुमार को पूछताछ के लिए तलब किया था। लंबी पूछताछ और दस्तावेजी साक्ष्य मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय आशा देवी भट्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में हजारीबाग जेल भेजने का आदेश दिया।
Key Highlights:
ACB ने हजारीबाग वन भूमि घोटाले में पंचायती राज विभाग के उप निदेशक व तत्कालीन CO शैलेश कुमार को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में सामने आए साक्ष्यों के आधार पर न्यायिक हिरासत में भेजा गया हजारीबाग जेल।
आरोपी Vinay Singh की पत्नी से भी जल्द होगी पूछताछ, दूसरी बार भेजा जाएगा नोटिस।
वर्ष 2013 में रद्द की गई अवैध जमाबंदी के बाद भी गैरमजरूआ जंगल-झाड़ी भूमि की जमाबंदी की गई थी।
पेशी के दौरान शैलेश कुमार ने कोर्ट में तबीयत खराब होने की शिकायत की, चिकित्सक ने किया इलाज।
Hazaribagh Forest Land Scam:
पूछताछ के दौरान शैलेश कुमार ने अपनी भूमिका से इंकार किया, लेकिन एसीबी को यह प्रमाण मिले हैं कि उन्होंने कुछ मामलों में म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) अस्वीकृत किया, जबकि समान प्रकृति की अन्य भूमि पर स्वीकृति दे दी थी। इसी विसंगति के आधार पर एसीबी ने उनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की।
इस घोटाले में एक अन्य आरोपी विनय सिंह पहले से ही जेल में है। अब एसीबी उसकी पत्नी से भी पूछताछ करने जा रही है, क्योंकि कथित रूप से विवादित जमीन की जमाबंदी उनके नाम पर की गई थी। पहले भी उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था, लेकिन वे एसीबी कार्यालय में उपस्थित नहीं हुईं। अब दूसरा नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।
Hazaribagh Forest Land Scam:
एसीबी ने इससे पहले छापेमारी के दौरान विनय सिंह के ठिकाने से जमीन और अन्य वित्तीय दस्तावेज बरामद किए थे। इन दस्तावेजों के आधार पर जांच टीम ने माना है कि मामला केवल जमीन तक सीमित नहीं, बल्कि अन्य आर्थिक अनियमितताओं से भी जुड़ा हो सकता है।
वर्ष 2013 में हजारीबाग डीसी कार्यालय ने पाँच प्लॉट की अवैध जमाबंदी को रद्द कर दिया था। इस निर्णय को राजस्व विभाग ने भी सही ठहराया था। इसके बावजूद बाद में फिर से जंगल-झाड़ी भूमि पर जमाबंदी की गई, जो इस पूरे घोटाले की जड़ मानी जा रही है।
Hazaribagh Forest Land Scam:
कोर्ट में पेशी के दौरान शैलेश कुमार ने हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत की, जिस पर चिकित्सक को बुलाया गया और इलाज के बाद उन्हें केंद्रीय कारा हजारीबाग भेज दिया गया।
Highlights