झारखंड पुलिस ने मांगी रिपोर्ट रांची: झारखंड पुलिस ने राज्यभर में सक्रिय जमीन माफियाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज कर दी है। पुलिस मुख्यालय ने सभी 24 जिलों से जनवरी 2024 से अगस्त 2025 तक दर्ज जमीन कब्जा मामलों की रिपोर्ट मांगी है।
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सीआईडी (CID) ने रांची, धनबाद और जमशेदपुर एसएसपी सहित सभी जिलों के एसपी को पत्राचार किया है। रिपोर्ट में जमीन हड़पने से संबंधित केसों का विस्तृत विवरण, आरोपियों की संख्या, गिरफ्तारी की स्थिति और अब तक की कार्रवाई का ब्योरा मांगा गया है।
Key Highlights:
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी 24 जिलों से जमीन माफिया से जुड़े केस की रिपोर्ट मांगी
रिपोर्ट जनवरी 2024 से अगस्त 2025 तक दर्ज मामलों पर आधारित होगी
हाईकोर्ट में दाखिल किये जाने वाले शपथ पत्र के लिए मांगी गई जानकारी
CID ने रांची, धनबाद और जमशेदपुर एसएसपी सहित सभी एसपी को भेजा पत्र
हाईकोर्ट ने जमीन हड़पने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर बनाया था पीआईएल
2021–2023 के बीच दर्ज केसों की समीक्षा में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए
झारखंड पुलिस ने मांगी रिपोर्ट:
यह जानकारी हाईकोर्ट में दाखिल किये जाने वाले शपथ पत्र (affidavit) के लिए मांगी गई है। दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में जमीन हड़पने के मामलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका (PIL) में तब्दील किया था।
2021 से 2023 के बीच पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया था कि झारखंड के कई जिलों में जमीन माफिया के खिलाफ केस दर्ज तो हुए, लेकिन गिरफ्तारी और कार्रवाई बेहद सीमित रही।
📊 तीन वर्षों (2021–2023) के कुछ प्रमुख आंकड़े:
रांची: 194 केस, 189 आरोपी
खूंटी: 23 केस, 60 आरोपी
सरायकेला: 101 केस, 357 आरोपी
गढ़वा: 58 केस, 228 आरोपी
कोडरमा: 49 केस, 263 आरोपी
देवघर: 51 केस, 188 आरोपी
पाकुड़: 48 केस, 194 आरोपी
झारखंड पुलिस ने मांगी रिपोर्ट:
पुलिस जांच में यह पाया गया कि कई मामलों में जमीन रिकॉर्ड का सत्यापन लंबित, साक्ष्य अधूरा, वारंट अप्राप्त, या मामले दीवानी प्रकृति के थे। यही वजह रही कि अधिकतर आरोपी गिरफ्तारी से बचते रहे।
उक्त अवधि में केवल चार जिलों — रांची, धनबाद, गढ़वा और गिरिडीह — में ही क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) के तहत कार्रवाई की गई।
रांची में दो पर निरोधात्मक कार्रवाई, 17 को जिला बदर, 40 पर थाना हाजिरी और 27 के खिलाफ निगरानी प्रस्ताव तैयार किए गए।
पुलिस मुख्यालय का कहना है कि सभी जिलों से रिपोर्ट मिलते ही उसे संकलित कर हाईकोर्ट में शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
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