रांची के रातू तालाब में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन हुआ। हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और व्रतियों ने सूर्य देवता से सुख-समृद्धि की कामना की।
रांची: रांची के रातू तालाब में मंगलवार सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।
सूर्योदय के समय तालाब के जल में खड़े होकर व्रतियों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया और अपनी तथा अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
तालाब किनारे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में फल, प्रसाद और पूजा सामग्री लेकर पहुंचीं। वातावरण “जय छठी मईया” के जयघोष और लोकगीतों से गूंज उठा।
Key Highlights
रांची के रातू तालाब में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन।
हजारों श्रद्धालु सुबह-सुबह पहुंचे तालाब किनारे, किया सूर्य देवता का दर्शन।
छठव्रतियों ने की मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना, पूरा हुआ चार दिवसीय अनुष्ठान।
कई व्रतियों ने घरों में ही अर्घ्य अर्पित कर सूर्य उपासना की।
प्रशासन और स्वयंसेवकों की ओर से सुरक्षा एवं व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम।
कई छठव्रतियों ने घरों में ही घरेलू घाट बनाकर अर्घ्य अर्पित किया। श्रद्धा और आस्था का ये दृश्य पूरे क्षेत्र में धार्मिक उत्साह और आध्यात्मिकता का संदेश दे गया।
चार दिनों तक चले इस पर्व में व्रतियों ने नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य की परंपराएं पूरी निष्ठा से निभाईं। रविवार शाम को संध्या अर्घ्य के दौरान भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे।
प्रशासन ने छठ घाटों पर सुरक्षा, रोशनी, सफाई और चिकित्सा की व्यापक व्यवस्था की थी। स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों ने भी श्रद्धालुओं की सहायता की।
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