Delhi Blast: देश की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को हुए धमके के बाद से जांच में जुटी देश की सारी एजेंसी ने कई सारे बड़े खुलासे किये हैं. वहीं इस धमाके से जुड़े सभी संदिग्धों को जांच टीम अपनी हिरासत में ले रही है. जांच टीम ने एक जसीर बिलाल नाम के कश्मीरी युवक को अपनी हिरासत में लिया है. हिरासत में लेकर जब जांच टीम ने उससे पूछताछ की तो कई सारे चौकाने वाले बयान कश्मीरी युवक जसीर बिलाल के तरफ से आए.
उसने बताया की देश में एक नहीं बल्कि दो बम धमाके होने वाले थे. इस धमाके में जसीर बिलाल भी शामिल था. मगर अचानक से उसने फिदायीन दस्ते में शामिल होकर सुसाइड बॉम्बर बनने से मना कर दिया. उसने कहा कि इस्लाम में सुसाइड बॉम्बर बनना पाप है.
Delhi Blast: आतंकी डॉ. उमर ने किया था जसीर का ब्रेनवॉश
श्रीनगर पुलिस ने हाल ही में काजीगुंड निवासी जसीर को अपनी हिरासत में लिया है. जिससे जांच टीम लगातार पूछताछ कर रही है. जांच में यह भी सामने आया कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा रहे आतंकी डॉ. उमर नबी जो दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड भी था, उसने ही जसीर का ब्रेनवॉश किया था और उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार भी किया था.
Delhi Blast: 2023 से दी जा रही थी ट्रेनिंग
आपकी जानकारी के लिए बता दें, जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड आतंकी डॉ. उमर नबी साल 2023 से ही जसीर बिलाल को कट्टरपंथी बनने की ट्रेनिंग दे रहा था. जसीर बिलाल राजनीति विज्ञान का छात्र था. साल 2023 से ट्रेनिंग मिलने के बाद जब उसे 2025 में आत्मघाती बम विस्फोट करने के लिए कहा गया तो वह इस बात पर सीधे इनकार कर दिया. इनकार करते हुए जसीर ने कहा कि इस्लाम में आत्महत्या गुनाह है.
बता दें, सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जसीर की मुलाकात इस आतंकी गिरोह से साल 2023 के अक्टूबर महीने में हुई थी. जिसके बाद उनसे प्रभावित होकर वह हरियाणा के फरीदाबाद आया और अल-फलाह विश्वविद्यालय के पास एक किराये के कमरे में रहने लगा. जहां उसे अल-फलाह विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. उमर नबी फिदायीन बनने की ट्रेनिंग देता था. साथ ही उसका ब्रेनवॉश भी करता था.
Delhi Blast: इस वजह से जसीर ने किया मना
इसी साल 2025 के अप्रैल के महीने में जसीर ने सुसाइड बॉम्बर बनने से मना कर दिया. पूछताछ के दौरान उसने इसके पीछे की दो वजह बताई। उसने कहा कि मेरे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. साथ ही मैं भी इस्लाम को बेहतर तरीके से जानता हूं. इस्लाम कभी भी सुसाइड करने की अनुमति नहीं देता है. आत्महत्या इस्लाम में वर्जित है. आतंकी डॉ. उमर मुझे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए जोर दे रहा था. मगर मैंने ससाफ़ तौर पर उसके मना कर दिया.
जिसके बाद उसने खुद को इसके लिए तैयार किया और इस धमाके को अंजाम दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें, जसीर की जानकारी दूसरे आरोपियों डॉ अदील राथर और डॉ मुजफ्फर गनई के द्वारा मिली. वहीं जसीर के हिरासत में आने के बाद कई सारे बड़े खुलासे हुए हैं, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पूरे अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क भी शामिल है.
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