Ranchi News: झारखंड में छात्रवृत्ति वितरण में लगातार हो रही देरी को लेकर प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने हेमंत सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. हेमंत सोरेन को घेरते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़ा करती है. उन्होंने कहा कि जब सरकारी बजट और संसाधन विभिन्न गैर-शैक्षणिक गतिविधियों, प्रचार कार्यक्रमों और दिखावटी खर्चों पर बेहिसाब रूप से उपलब्ध हो सकते हैं, तो बच्चों की बुनियादी छात्रवृत्ति के लिए वह तत्परता क्यों नहीं दिखाई जाती.
Ranchi News: कई छात्र इस बार स्कॉलरशिप से वंचित
राफिया नाज ने कहा कि सरकार एक ओर रोजगार देने और शिक्षा को बढ़ावा देने का दावा करती है, रोजगार नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्ता देने की बात करती है, लेकिन वास्तविकता यह है कि 2023‑24 से 2024‑25 तक कई जिलों में छात्रवृत्ति भुगतान नहीं हुआ है. विशेषकर OBC और अन्य पिछड़े वर्ग (SC/ST/OBC) के कई छात्र पोस्ट‑मैट्रिक स्कॉलरशिप से पूरी तरह वंचित हैं.
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Ranchi News: धनबाद और पूर्वी सिंहभूम इसका जीवंत उदाहरण
उन्होंने बताया कि धनबाद और पूर्वी सिंहभूम इसका जीवंत उदाहरण हैं. धनबाद में 25,000 से अधिक उच्च शिक्षा प्राप्त OBC छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति नहीं मिली. वहीं, पूर्वी सिंहभूम में कॉलेज स्तर पर 500 और प्री‑मैट्रिक स्तर पर 10,459 छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली.
बात करें रांची की तो, रांची में 2023‑24 के प्री‑मैट्रिक स्कॉलरशिप में लगभग 74,353 छात्रों का भुगतान लंबित है. यह दर्शाता है कि छात्रवृत्ति का संकट सीमित इलाकों तक सीमित नहीं, बल्कि राज्यव्यापी है. फ्री एजुकेशन, महिला शिक्षा और युवा विकास जैसे बड़े वादे केवल घोषणाओं तक सीमित रह गए हैं, क्योंकि जमीन पर बच्चों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे हैं. वहीं सरकार पूरी तरह अपने नेताओं को सुख सुविधा देने में मस्त हैं.
Ranchi News: शिक्षा के अलावा सामाजिक सुरक्षा का जाल भी टूट चुका है: राफिया नाज
उन्होंने कहा केवल शिक्षा ही नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा का जाल भी टूट चुका है. विधवा, वृद्ध, विकलांग पेंशन देने में भी असफल हैं. हेमंत सरकार और मंईयां सम्मान के नाम पर केवल राजनीतिक नौटंकी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद पीड़ादायक है कि छात्र, जो किताबों और कक्षाओं में होने चाहिए थे, आज मजबूरी में धरने पर बैठे हैं. अनेक विद्यार्थी आर्थिक स्थिति के कारण पढ़ाई छोड़कर मजदूरी करने को विवश हो गए हैं. यह न केवल शिक्षा व्यवस्था की विफलता है, बल्कि युवाओं के सपनों और भविष्य पर गंभीर आघात भी है.
Ranchi News: लंबित छात्रवृत्तियों पर उठाए सवाल
राफिया ने जोर दिया कि छात्रवृत्ति केवल राशि नहीं, बल्कि उन विद्यार्थियों की जीवन रेखा है, जिनके परिवार सीमित संसाधनों के बावजूद अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं. यदि सरकार इस संवेदनशील मुद्दे की अनदेखी करती रही, तो इसका सीधा प्रभाव राज्य के युवाओं के भविष्य और सामाजिक संतुलन पर पड़ेगा. राफिया नाज ने कहा कि हेमंत सरकार को लंबित छात्रवृत्तियों का तुरंत वितरण सुनिश्चित करना चाहिए ताकि छात्रों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़े और राज्य का युवा वर्ग सुरक्षित, समर्थ और शिक्षित बना रहे. रांची से मदन सिंह की खबर…
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